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    उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अपने दिवंगत पिता के जन्मस्थान और कोरियाई प्रायद्वीप की सबसे ऊंची चोटी के तौर पर लोकप्रिय माउंट पाएकडू की चढ़ाई एक सफेद घोड़े से की। किम जोंग की इस चढ़ाई से ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि आने वाले समय में कोई बड़ा नीतिगत बदलाव हो सकता है।

    समाचार एजेंसी योनहप की रिपोर्ट के अनुसार, प्योंगयांग की मीडिया की बुधवार की रिपोर्ट में बताया गया कि किम ने माउंट पाएकडू और ‘क्रांतिकारी युद्ध स्थलों’ का भ्रमण किया, जहां उनके दिवंगत दादा किम इल-सुंग ने जापान से स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी थी।

    अक्टूबर के बाद पर्वतों की उनकी यह यात्रा थोड़ी अलग थी। इसके पहले की गई यात्रा में उन्होंने प्योंगयांग के खिलाफ प्रतिबंधों को बनाए रखने और शत्रुतापूर्ण कृत्यों को लेकर अमेरिका के खिलाफ नारा दिया था।

    पहाड़ों की यात्रा के बाद उत्तर कोरिया के आधिकारिक समाचार पत्र रोडोंग सिनमुन ने गुरुवार को ऊंचे पदों पर आसीन अधिकारियों के नाम पर लिखे गए कई कॉलम प्रकाशित किए थे।

    वाइस प्रीमियर किम टोक हुन ने अपने कॉलम में लिखा, “जब तक हमारे पास माउंट पाएकडू की क्रांतिकारी भावना है, आत्मनिर्भरता की क्रांतिकारी भावना है, हम अपने दम पर जिंदा रह सकते हैं और अपनी खुद की समृद्धि और विकास के लिए अपने तरीके से द्वार खोल सकते हैं।”

    वर्कर पार्टी की सेंट्रल कमिटी के उपाध्यक्ष पाक क्वांग हो ने भी लोगों से किम इल संग द्वारा अपने पीछे छोड़ी क्रांतिकारी परंपराओं से लैस ‘देशभक्त’ बनने की गुजारिश की।

    समाचार एजेंसी योनहप ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इस सप्ताह धाíमक पर्वत की किम जोंग की यात्रा ने बड़े नीतिगत बदलाव की अटकलों को तेज कर दिया है।

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