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    कासगंज विवाद

    गणतंत्र दिवस के दिन उत्तरप्रदेश के कासगंज में हुई हिंसा के बाद योगी सरकार के खिलाफ विपक्ष एकजुट हो गया है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर समुदाय विशेष के युवकों ने तिरंगा यात्रा निकाल रहे युवकों से झड़प हो गई थी जिसके बाद मामले ने इतना तूल पकड़ लिया था कि एक युवक की मौत हो गई व अन्य घायल हो गया था।

    इस घटना के बाद कासगंज में हिंसा व आगजनी अधिक भड़क गई थी जो अभी तक जारी है। हालांकि शांति व सुरक्षा व्यवस्था प्रशासन की तरफ से पुख्ता की गई है।

    कासगंज हिंसा के बाद कांग्रेस, सपा प्रमुख अखिलेश यादव व बसपा प्रमुख मायावती ने बीजेपी सरकार को दोषी ठहराया है। कासगंज हिंसा के लिए भाजपा सरकार को दोषी ठहराते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने रविवार को कहा कि बीजेपी व उसके सहयोगी संगठन देश में अराजकता व हिंसा फैला रहे है।

    बीजेपी शासित राज्यों को जंगलराज बताते हुए मायावती ने उत्तर प्रदेश सरकार की कड़ी निंदा की है। बीजेपी शासित राज्यों में अपराधों पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। कानून व्यवस्था को धत्ता बताते हुए बीजेपी के शासन में सभी स्तरों पर अपराध बढ़ गया है।

    मायावती ने मुख्य रूप से योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लोगों की जिंदगी व संपति की सुरक्षा की देखभाल की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। लेकिन बीजेपी सरकार सिर्फ झूठे वादे व भ्रष्टाचार के सिवाय कुछ नहीं कर रही है।

    बीजेपी सरकार पर साधा निशाना

    मायावती ने कासगंज हिंसा की घटना में दोषियों को सख्त दंड देने की मांग की और कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार इस स्थिति को नियंत्रित करने में नाकाम रही है।

    मायावती से पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी बीजेपी सरकार पर हमला बोला था। यादव ने बीजेपी पर सांप्रदायिक नफरत फैलाने का आरोप लगाया था। साथ ही कासगंज घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक बताया था।

    बीजेपी का रिकॉर्ड सिर्फ नफरत फैलाने के लिए है। आगे कहा कि उत्तरप्रदेश में पिछले 10 महीनों में भाजपा की नीतियों के कारण सामाजिक व्यवस्था के लिए एक बड़ा खतरा पैदा हो गया है।