Sun. Nov 24th, 2024
    Department of Personnel & Training

    नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)| कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने काडर नियंत्रण प्राधिकरण को केंद्रीय ग्रुप-ए की सभी सेवाओं की लंबित काडर समीक्षा की प्रक्रिया तेज कर इस संबंध में प्रस्ताव जून के अंत तक सौंपने को कहा है।

    इनमें से कुछ ऐसे भी मामले हैं, जिनकी काडर समीक्षा 40 साल से अधिक समय से लंबित है।

    लोकसभा चुनाव के नतीजे 23 मई को आने के चार दिन बाद ये निर्देश दिए गए। लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार के भारी बहुमत के साथ दोबारा सत्ता में आने की तस्वीर तय हो गई थी।

    कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के सचिव सी. चंद्रमौली ने 27 मई को लिखे पत्र में काडर नियंत्रण प्राधिकरण (सीसीए) से मामले की पड़ताल करने का आग्रह करते हुए निर्देश दिया कि पूर्ण काडर समीक्षा प्रस्ताव डीओपीटी के पास 30 जून तक पहुंच जाना चाहिए।

    आईएएनएस ने डीओपीटी के दस्तावेज का अनुशीलन करने पर पाया कि केंद्रीय ग्रुप-ए की 34 सेवाओं या काडरों की समीक्षा 2018 तक की गई, जिनमें से 11 सेवाओं की समीक्षा शीघ्र ही पूरी होने वाली थी, क्योंकि प्रस्ताव 1996 से लेकर 2017 तक का लंबित है।

    काडर समीक्षा काडर प्रबंधन का सबसे महत्वपूर्ण औजार है, जिससे हमेशा संगठन के स्तर पर बदलाव की जरूरतों और प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं व अधिकारियों की उचित आकांक्षाओं के बीच समरूपता बनाए रखने में मदद मिलती है। दस्तावेज के अनुसार, कुछ मामलों काडर समीक्षा 40 साल से अधिक समय से लंबित है।

    34 केंद्रीय सेवाओं में रक्षा अनुसंधान एवं विकास सेवा में पिछली काडर समीक्षा के कॉलम में कुछ नहीं लिखा है।

    पीएंडटी भवन कार्य विभाग में पिछली काडर समीक्षा 1989 में की गई थी। वहीं, तोपखाना स्वास्थ्य सेवा (आर्डनेंस फैक्टरी हेल्थ सर्विस) में पिछली काडर समीक्षा 1995 में, भारतीय रेलवे चिकित्सा सेवा में 2005 में, भारतीय प्रतिरक्षा संपदा सेवा में 2009 में और भारतीय आर्थिक सेवा में 2011 में काडर समीक्षा की गई थी।

    इन पांचों सेवाओं में टिप्पणी के कॉलम में ‘विचाराधीन’ लिखा हुआ है।

    भारतीय सर्वेक्षण की ग्रुप-ए सेवा में काडर समीक्षा 1985 में की गई थी। वहीं, भारतीय नौसेना आयुध सेवा में यह समीक्षा 1987 में, रेलवे सुरक्षा बल में 2002 में, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस में 2001 में, भारतीय आपूर्ति सेवा में 2010 में और भारतीय अन्वेषण सेवा में 2010 में काडर समीक्षा की गई थी। इन छह सेवाओं में टिप्पणी कॉलम में यथावत लिखा हुआ है।

    हालांकि बाकी 22 सेवाओं की काडर समीक्षा के संबंध में टिप्पणी में कोई उल्लेख नहीं है।

    पत्र में उन्होंने कहा, “मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि काडर समीक्षा का कार्य उचित व समयबद्ध ढंग से किया जाना जाहिए। इन सभी मामलों में काडर समीक्षा लंबित है। पूर्ण काडर समीक्षा प्रस्ताव 30 जून, 2019 तक डीओपीटी के पास पहुंच जाना चाहिए। इसमें कोई छूट नहीं होगी।”

    उन्होंने पत्र में कहा है, “अगर आप मसले की जांच व्यक्तिगत तौर पर करके इसकी कार्रवाई तेज करेंगे तो मैं आपका आभारी रहूंगा।”

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *