अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हुए हमले की जिम्मेदारू तालिबान ने ली है और इसमें पांच लोगो की मौत हो गयी थी और इसमें सोमवार को 50 लोग बुरी तरह जख्मी हुए थे। रोलो न्यूज़ के हवाले से अफगान आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता नुसरत रहीमी ने कहा कि “यह वारदात करीब काबुल के पुलिस जिले में रात को 9:45 बजे हुई थी।
तालिबान ने कहा कि “इस विस्फोट का निशाना विदेशी सेना थी।” हाल ही में अमेरिकी राजदूत ज़लमय खलीलजाद ने तालिबान के साथ नौवे चरण की वार्ता की थी। इस शान्ति समझौते का मकसद देश में 18 वर्षो की जंग को खत्म करना था।
अमेरिका के अभी अफगानी सरजमीं पर 14000 सैनिक मौजूद है और अब इसकी संख्या को गिराकर न्यूनतम स्तर पर लाया जा रहा है। अफगानिस्तान में बीते 18 सालो से जंग जारी है और यह अमेरिका की सबसे लम्बी जंग है। अगर तालिबान के साथ शान्ति समझौते पर पंहुच जाते हैं तो अफगानिस्तान से अमेरिका करीब 5000 सैनिको की 135 दिनों में पांच ठिकानो से वापस बुलाएगा। दोनों पक्षों के बीच हाल ही में नौवे चरण की वार्ता हुई थी।
तालिबान ने 2015 में लगभग दो सप्ताह में कुंदुज़ पर नियंत्रण कर लिया था। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “अमेरिका तालिबान के साथ शान्ति समझौते पर पंहुचने के बाद अफगानिस्तान की सरजमीं पर सैनिको की कटौती कर 8600 की तैनाती करने की योजना बना रहा है।”