अफगानिस्तान में सोमवार को तालिबान के हमले में करीब 50 बच्चे जख्मी हो गए थे जबकि करीब 100 लोग घायल हो गए है। काबुल में सैन्य अधिकारीयों और सरकार के इमारतों में कार में बम विस्फोट हुआ था। एक विस्फोट में हवा में धुंध फ़ैल गया था और दो किलोमीटर दूर इमारते हिल गयी थी।
अफगानिस्तान की राजधानी पुलि महमूद खान में विशेष सेना ने बंदूकधारी के साथ गोलीबारी की थी और इसके बाद इमारतों में तूफ़ान सा आ गया था। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि करीब एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी और 93 लोग जख्मी हुए थे।
तालिबान का काबुल में हमला
शिक्षा मंत्रालय ने बयान में कहा कि “इसमें से अधिकतर 50 बच्चे जख्मी हुए थे। इसमें से अधिकतर ग्लास के उड़ने से जख्मी हो गए थे और स्थिर स्थिति में रहे थे।” कुछ सोशल मीडिया की तस्वीरो के मुताबिक, जख्मियों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा था।
बयान में शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि “पांच स्कूल आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए थे। इस संघर्ष में शामिल सभी पक्षों ने छात्रों, शिक्षकों, शिक्षा कार्यकर्ताओं और स्कूलों की सुरक्षा की गारंटी की मांग की है।” तालिबान ने हमले का दावा किया था।
क़तर में अमेरिका और तालिबानी चरमपंथियों के बीच सातवें चरण की बातचीत का दौर सोमवार से शुरू हो गया था। वांशिगटन सितम्बर में अफगानिस्तान में राष्ट्रपति चुनावो से पूर्व इस विवाद का हल करना चाहते हैं।
दो आतंकियों को मार गिराया
चरमपंथी समूह के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि “चरमपंथियों ने क्षेत्र में रक्षा मंत्रालय की ईमारत को निशाना बनाया था। इस क्षेत्र को अफगान सेना और एम्बुलेंस ने ब्लॉक कर दिया था। विभागों ने निशाने की पुष्टि नहीं की है लेकिन आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता नासरत रहीमी ने कहा कि “इस क्षेत्र को विशेष सेना ने बंद कर दिया था जिन्होंने दो आतंकियों को मार गिराया था।”
उन्होंने कहा कि “सुरक्षा बलों ने ईमारत के नजदीक से 210 नागरिकों को बचाया था।” सांस्कृतिक मंत्रालय के ब्रांच के कार्यकर्ता ज़हीर उस्मान ने कहा कि “हम दफ्तर के अंदर बैठे थे जब विश्व ऊपर-नीचे दिख रहा था। मैं बस विस्फोट से 150 मीटर की सूरी पर खड़ा है। जब मैंने आँखे खोली दफ्तर धुंध और धूल से भर गया था और हर चीज टूट गयी थी।”
अफगान फुटबॉल फेडरेशन के प्रवक्ता शम्स अमिनी ने कहा कि “एचक्यू गेट के करीब विस्फोट हुआ था और कुछ सहयोगियों को चोट लगी थी।” नजदीक में शमशाद टीवी स्टेशन में साल 2017 में हमला हुआ था। यह हमला तब हुआ जब अमेरिका और तालिबान के बीच दोहा में वार्ता का तीसरा दिन था।
तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि “एक बार जब अंतरराष्ट्रीय ऑब्सेर्वेर्स के समक्ष विदेशी सैनिको की वापसी की समयसीमा तय हो जाएगी। तब हम अफगानी पक्ष के साथ बातचीत की शुरुआत कर देंगे लेकिन हम काबुल प्रशासन या सरकार के साथ बातचीत नहीं करेंगे।”