अफगानिस्तान के काबुल में हुए आतंकी हमलों के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अफगान के तालिबान को खत्म करने की प्रतिज्ञा ली है। पिछले कुछ दिनों के अंदर अफगानिस्तान में कई आतंकी हमले हो चुके है। तालिबान ने काबुल में नवीनतम दौर के हमलों में कम से कम 125 लोगों का दावा किया है। अफगानिस्तान में तालिबान को समाप्त करने के लिए ट्रम्प ने वादा कर दृढ़ संकल्प जताया है।
सोमवार को व्हाइट हाउस में दोपहर के भोजन के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों को ट्रम्प ने कहा कि बच्चों व परिवारों के बीच तालिबान की बमबारी से लोगों की हत्या की जा रही है। साथ ही कहा कि हम तालिबान से बात नहीं करना चाहते है।
ट्रम्प ने तालिबान को खत्न करने की प्रतिज्ञा लेते हुए कहा कि तालिबान को खत्म करने में और कोई सक्षम नहीं है इसलिए हम तालिबान के खात्मे को करने में सक्षम होने जा रहे है।
अफगानिस्तान में बड़ी संख्या में अमेरिकी सैनिक तैनात है। जो कि वहां पर इस्लामिक स्टेट, तालिबान व हक्कानी नेटवर्क के आतंकियों से लड़ने में अफगानिस्तान का साथ दे रहे है। सोमवार को ट्रम्प के बयान ने वाशिंगटन व तालिबान के साथ वार्ता को समाप्त कर दिया। ट्रम्प ने अभी साफ तौर पर तालिबान के साथ वार्ता से इंकार किया है।
जबकि इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने कहा था कि अमेरिका अफगान सरकार और तालिबान के बीच बिना किसी पूर्व शर्त के शांति वार्ता का समर्थन करेगी।
अमेरिका ने अफगानिस्तान में बढ़ रहे आतंकी हमलों के लिए पाकिस्तान को कई बार दोषी ठहराया है। जिसके तहत इस साल की शुरूआत में ही ट्रम्प ने पाकिस्तान को दी जाने वाली बड़ी आर्थिक सहायता पर रोक लगाने का ऐलान किया था।