अफगानिस्तान का राजधानी काबुल में हुए लगातार आतंकी हमलों के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रूख अपना लिया है। अशरफ गनी ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष शाहिद खाकन अब्बासी से बातचीत करने का प्रस्ताव ठुकरा दिया है।
दरअसल अफगानिस्तान में लगातार हो रहे आतंकी हमलों के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से बात करनी चाही थी।
लेकिन गनी ने साफ तौर पर पाकिस्तानी पीएम पर किसी तरह की वार्ता करने से इंकार कर दिया। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने आतंकी हमलों से संबंधित सबूत देने के लिए अपने प्रतिनिधिमडंलों को पाकिस्तान भेजा है। सूत्रों के अनुसार इन सबूतों को पाकिस्तानी सेना के साथ साझा किया जाएगा। अफगानिस्तान अधिकारियो व राजदूत ने कहा है कि काबुल में हुआ आतंकी हमला पाकिस्तान की आईएसआई से संबंधित था।
अफगानिस्तान में हाल ही में हुए आतंकवादी हमलों मे कम से कम 150 लोगों की मौत हो गई है और सैकड़ों अन्य घायल हुए है। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि महमूद सैलक ने कहा था कि काबुल होटल में हमला करने वाला आतंकी आईएसआई से प्रशिक्षित था जो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी है।
अमेरिका भी कई बार पाकिस्तान के ऊपर अफगान में आतंकी हमलों को करवाने व सुरक्षित स्थान आतंकियों को उपलब्ध कराने का आरोप लगा चुका है।
अफगान के राष्ट्रपति को अच्छी तरह से पता है कि उनके देश में आतंकी हमले पाकिस्तान की तरफ से ही किए जा रहे है। इसके बावजूद पाकिस्तानी पीएम संवेदना जताना चाहते है। जिस पर अशरफ गनी ने अब्बासी से बातचीत करने व संवेदना लेने से साफ इंकार कर दिया।
सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी कहा था कि वाशिंगटन, तालिबान के साथ वार्ता नहीं करेगा क्योंकि वे अफगानिस्तान में निर्दोष लोगों की हत्या कर रहे है।