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    पाकिस्तान इस्लामाबाद कानून मंत्री इस्तीफा

    पाकिस्तान में कट्टरपंथी धार्मिक गुटों के द्वारा लगातार हो रहे प्रदर्शन के दबाव के बाद आखिरकार सोमवार को पाकिस्तान के कानून मंत्री जाहिद हमीद ने अपना इस्तीफा दे दिया है।

    हमीद ने इस्तीफा पाक प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी को सौंपा है। वहीं कानून मंत्री के इस्तीफा दिए जाने के बाद प्रदर्शन भी खत्म करने की घोषणा की गई है।

    तहरीक-ए-लब्बैक के प्रमुख ने कहा कि कानून मंत्री ने इस्तीफा सौंप दिया है। अपने अनुयायियों को कहा कि आप प्रदर्शन को छोड़कर अपने घर जा सकते है।

    इसके अलावा पाकिस्तानी मौलवियों ने कहा कि सरकार उन सब लोगों पर कार्रवाई करेगी जो संबंधित कानून में बदलाव के लिए जिम्मेदार थे।

    गौरतलब है कि शनिवार को पाकिस्तान में शांतिपूर्वक चल रहे विरोध-प्रदर्शन ने हिंसक रूप धारण कर लिया था। जिसमें 6 लोगों की मौत और करीब 200 से ज्यादा लोगों के घायल होने की सूचना मिली है।

    प्रदर्शनकारी चुनाव अधिनियम 2017 में खतम-ए-नबुव्वात ( पैगम्बर मोहम्मद संबंधित खंड हटाए जाने) से संबंधित कानून में बदलाव लाने पर इस्लामाबाद में कानून मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर करीब 20 दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे। मुख्य मार्गों के चौराहों पर सभी एकत्रित थे।

    प्रदर्शनकारी ईशनिंदा के खिलाफ प्रस्ताव लाए जाने से गुस्से में थे। तहरीक-ए-लब्बैक या रसूल अल्लाह और सुन्नी तहरीक पाकिस्तान के करीब 2,000 कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चाबंदी कर रखी थी।

    रेडियो पाकिस्तान ने बताया कि कानून और संसदीय मामलों के मंत्री जाहिद हमीद ने देश को संकट से बाहर लाने के लिए पाक प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी को अपना इस्तीफा प्रस्तुत किया। इस्तीफा सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच रातोंरात एक समझौते के हिस्से के रूप में आया था।

    पाक हिंसक प्रदर्शन की पूरी जानकारी

    पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद की मुख्य सड़कों जो रावलपिंडी व अन्य जगहों से जुड़ती है, उस पर तहरीक-ए-लब्बैक व अन्य धार्मिक संगठनों के कार्यकर्ता विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने ईशनिंदा करने वालों के खिलाफ मौत की मांग रखी।

    तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी मुमताज कादरी के सम्मान में गठित हुई थी जिसने पंजाब के पूर्व गवर्नर की हत्या कर दी थी। इस पार्टी का मुख्य एजेंडा इस्लामी शरीयत कानून के सख्त नियमों की वकालत करना है और साथ ही खुद को पैगम्बर मोहम्मद की सर्वोच्चता का मजबूत रक्षक होने का दावा करना है।

    2 अक्तूबर को पाकिस्तान की संसद ने चुनाव सुधार विधेयक 2017 को पारित किया। इसमें निर्वाचित प्रतिनिधियों के शपथ से खात्मे नबूवत या पैगम्बर मोहम्मद वाले खंड को हटा दिया गया था।

    बाद में विभिन्न पार्टियों व धार्मिक संगठनों ने हटाए गए खंड को वापस जोड़ने की मांग की। बाद में पाक सरकार ने इसे क्लेरिकल गलती मान लिया।

    पैगम्बर मोहम्मद वाला खंड हटाया जाना तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी को नागवार गुजरा और इस पार्टी ने पाकिस्तान के कानून मंत्री जाहिद हमीद को चुनावी शपथ में किए गए बदलाव का दोषी ठहराते हुए इनके इस्तीफे की मांग की।

    पार्टी ने कहा कि ये ईशनिंदा के समान है। तभी 5 नवंबर से तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी व अन्य संगठनों ने रावलपिंडी और इस्लामाबाद के बीच का मुख्य रास्ता जाम कर दिया और वहीं धरने पर बैठ गए।

    प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग कानून मंत्री को हटाने को थी। सरकार इन्हें कई दिनों तक हटा पाने में सफल नहीं हो पाई। बाद में 24 नवंबर को पाक सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को लोगों के जीवन में बाधा डालने और उन्हें नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

    जिसके बाद 25 नवंबर को अंतिम समयसीमा के खत्म होने पर पुलिस ने कार्रवाई शुरू की गई। भीड़ को तीतर-बीतर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। लेकिन कुछ समय बाद प्रदर्शनकारी वापस से एकत्रित हुए और प्रदर्शन ने हिंसक रूप धारण कर लिया।