कानपूर की मेट्रो परियोजना को नरेन्द्र मोदी के कैबिनेट द्वारा मंजूरी मिल गयी है और जल्द ही इस परियोजना का शिलान्यास होने जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार इस मेट्रो परियोजना के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2019-20 के लिए 175 करोड़ रुपयों का आवंटन किया है।
मेट्रो परियोजना की पूरी जानकारी :
कानपूर में शुरू होने जा रही इस मेट्रो परियोजना की प्रस्तावित लम्बाई 31 किलोमीटर बताई जा रही है एवं इस दूरी में कुल 2 कॉरिडोर बनाए जायेंगे। रिपोर्ट के अनुसार इन कॉरिडोर में कुल 30 स्टेशन होंगे जिनमे से 18 एलिवेटेड स्टेशन और 12 भूमिगत स्टेशन होंगे।
इस परियोजना के दौरान जिन दो कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा उनमे से पहला कॉरिडोर आईआईटी से नोबस्ता तक होगा जिसकी लंबाई 23.785 किलोमीटर होगी एवं इस कॉरिडोर में कुल 14 एलिवेटेड स्टेशन होंगे एवं 8 भूमिगत स्टेशन होंगे। इसके साथ ही दूसरा कोरिडोर एग्रीकल्चर युनिवर्सिटी से लेकर बर्रा 8 तक होगा जिसमे कुल 8 स्टेशन होंगे। इन स्टेशनों में से 4 एलिवेटेड स्टेशन होंगे और 4 भूमिगत स्टेशन होंगे।
यात्रियों को मिलेंगी ये सुविधाएं :
पहला कॉरिडोर जोकि आईआईटी से लेकर नौबस्ता तक होगा वह सीएसजेएम यूनिवर्सिटी, जीएसवाईएम मेडिकल कॉलेज और आईआईटी कानपुर के साथ-साथ झकरकटी बस स्टैंड और कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन सहित विभिन्न प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों को कवर करेगा। इसके साथ ही दूसरा मेट्रो कोरिडोर कई घनी आबादी वाले क्षेत्रों जैसे गोविंद नगर, काकादेओ आदि को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
इस परियोजना का उद्देश्य आवासीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को लाभान्वित करना है, इन क्षेत्रों में रहने वाले लोग अपने स्वयं के पड़ोस से गाड़ियों पर आवागमन करने में सक्षम हैं ताकि शहर के अन्य क्षेत्रों तक आसानी से पहुंचा जा सके।
कानपुर मेट्रो के वाणिज्यिक परिचालन शुरू होने के समय लगभग 40 लाख आबादी को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होने की उम्मीद है।
आवंटन की जानकारी :
इस नयी मेट्रो परियोजना को कथित तौर पर राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार दोनों ही मिलकर इसके लिए वित्त देंगी। हालांकि इसके लिए अभी तक केंद्र सरकार ने कोई आवंटन नहीं किया है लेकिन राज्य सरकार द्वार इस परियोजना के लिए 175 करोड़ का आवंटन किया जा चूका है। इस परियोजना पर कुल 11,076.48 करोड़ की लागत आने का अनुमान है।
कानपूर की इस मेट्रो परियोजना का 5 वर्षों में निर्माण पूरा होने का अनुमाना है यानी 2024 तक इसका निर्माण समाप्त हो जाएगा। बतादें की यूपी सरकार द्वारा इस परियोजना के लिए 175 करोड़ रुपयों का आवंटन केवल वर्ष 2019-20 के लिए किया गया है। आगे के वर्षों के लिया और भी आवंटन किया जाएगा।