देश की सबसे पुरानी राजनीति पार्टी कांग्रेस का आज 132वा स्थापना दिवस है। कांग्रेस इसे बड़े ही उत्साह के साथ मना रही है। राहुल गाँधी के अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस पहली बार स्थापना दिवस मना रही है। इस मौके पर आज देश भर में कांग्रेस पार्टी कई कार्यक्रम आयोजित कर रही है। गुरुवार सुबह राहुल गाँधी ने मुख्यालय पहुंच कर पार्टी का झंडा फहराया।
राहुल गाँधी कांग्रेस के नए अध्यक्ष के रूप में 16 दिसम्बर को ही नियुक्त हुए है। अध्यक्ष बनने के बाद राहुल इस कार्यक्रम को पुरे देश के सामने पेश करना चाहते है। राहुल के अध्यक्ष बनने के बाद गुजरात और हिमांचल के चुनावी नतीजे सामने आये। लेकिन कांग्रेस को इन राज्यों में हार का सामना करना पड़ा।
अगर देखा जाये तो राहुल के प्रचार प्रसार से कांग्रेस पार्टी नें बहुत लम्बे समय बाद वापसी की है। 2014 के आम चुनाव के बाद से आज तक बीजेपी को हर चुनाव में एकतरफा जीत मिलती आयी है। लेकिन गुजरात में कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी को कड़ी टक्कर देकर अपनी मजबूती का संकेत दिया है। राहुल ने इस बात की पुष्टि खुद की थी कि हमने बीजेपी की नींद ख़राब कर दी थी। देखा जाए तो शुरू से ही कांग्रेस में बड़े बदलाव होते आये है लेकिन राहुल के अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी में बड़े बदलाव के आसार नजर आ रहे है। लाजमी है कि राहुल युवा चेहरे ढूंढ रहे है। सोनिया गाँधी अपने रिटायरमेंट का संकेत दे चुकी है इससे यह साबित हो गया है कि पार्टी में युवा चेहरों को मौक़ा मिलेगा।
आपको बता दे कि 19 साल बाद यानी दो दशक बाद पार्टी को नया अध्यक्ष मिला है। सोनिया गाँधी के 19 साल अध्यक्ष पद सँभालने के बाद अब कमान राहुल गाँधी के हाथ में है। सोनिया गाँधी कांग्रेस की कमान 1998 से संभाल रही थी, लेकिन उन्होंने अब अध्यक्ष पद त्याग दिया है। राहुल गाँधी के नामांकन के दौरान कांग्रेस पार्टी के बड़े दिग्गज नेता उनके साथ थे। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी साथ थे, लेकिन सोनिया और प्रियंका गाँधी साथ नहीं थी। राहुल नें अपने नामांकन के दौरान सोनिया के घर जाकर उनसे मुलाकात की थी।
कांग्रेस पार्टी की स्थापना
कांग्रेस की स्थापना ब्रिटिश राज में 1885 में हुई थी। इसके संस्थापकों में ए ओ ह्यूम, दादा भाई नौरोजी और दिनशा वाचा शामिल थे। 1947 में आजादी के बाद, कांग्रेस भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बन गई। कांग्रेस पार्टी के स्थापना से लेकर आजतक कुल 16 आम चुनाव हुए है जिसमे पार्टी ने 6 में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार स्थापित की थी। वही कांग्रेस ने 4 चुनावों में सत्तारूढ़ गठबंधन के जरिये सरकार बनायीं थी। लेकिन देखा जाए तो 2014 के आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने आजादी से लेकर अभी तक का सबसे ख़राब प्रदर्शन किया है। पार्टी इस चुनाव में 543 सीटों में से केवल 44 ही अपनी झोली में डाल पाई थी।
कुछ ऐसा रहा कांग्रेस पार्टी का इतिहास
- कांग्रेस पार्टी के स्थापना के आज 132 साल हो गए है, पार्टी की स्थापना 1885 में हुई थी।
- 28 दिसंबर, 1885 को बनी इस पार्टी ने आजादी के बाद देश पर सबसे लंबे समय तक राज किया।
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 72 प्रतिनिधियों की उपस्थिति के साथ 28 दिसम्बर 1885 को बॉम्बे के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत महाविद्यालय में हुई थी।
- इसके संस्थापक महासचिव (जनरल सेक्रेटरी) ए ओ ह्यूम थे जिन्होंने कलकत्ता के व्योमेश चंद्र बनर्जी को प्रथम अध्यक्ष नियुक्त किया था।
- इसके संस्थापकों में थ्योसॉफिकल सोसाइटी के सदस्य एलन ऑक्टेवियन ह्यूम, दादाभाई नौरोजी और दिनशॉ वाचा शामिल थे। ये भारतीय इतिहास की सबसे पुरानी पार्टी है।
- जंग-ए-आजादी में कांग्रेस का अहम योगदान रहा और उसके 1.5 करोड़ सदस्यों और 7 करोड़ से ज्यादा सहयोगियों ने ब्रिटिश सरकार का विरोध किया।
- महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस भी कांग्रेस सदस्य के रूप में आजादी के संघर्ष से जुड़े रहे और आजादी आंदोलन के दौरान कांग्रेस पार्टी भारतीयों के संघर्ष का केंद्र बनी रही।
- आजादी से 2016 के बीच हुए 16 लोकसभा चुनावों में से 6 बार उसे स्पष्ट बहुमत मिला और 4 बार उसने गठबंधन में सरकार बनाई।
- 1947 के बाद 49 साल तक देश की बागडोर कांग्रेस के हाथों में रही और उसने देश को 7 प्रधानमंत्री दिए।
- सबसे अच्छा प्रदर्शन 1984 में रहा जब पार्टी को 415 लोकसभा सीटें मिलीं थीं।
- सबसे खराब प्रदर्शन 2014 में रहा जब पार्टी को 44 लोकसभा सीटें मिलीं। हाल ही में राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद की कमान संभाल ली है, राहुल पार्टी के नए अध्यक्ष बने हैं।