सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात विधानसभा चुनाव के मतगणना में दखल देने से इंकार करते हुए याचिका को ख़ारिज कर दिया है। बता दे कि शुक्रवार को कांग्रेस के सचिव ने सुप्रीम कोर्ट में वीवीपैट की 25 प्रतिशत पर्चियों के वोटों से मिलान के लिए शीर्ष न्यायालय में याचिका दाखिल कराइ थी। कांग्रेस का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में चुनाव आयोग को निर्देश दे।
कांग्रेस की ओर से कपिल सिब्बल, अभिषेक सिंघवी ने इस मामले ने कांग्रेस का पक्ष रखा। गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण में कई जगहों से ईवीएम में खराबी होने की खबरे आई थी। विपक्ष इस मामले को शुरू से ही उठाते रहा है कि ईवीएम को हैक करके नतीजों को प्रभावित किया जा रहा है। देखा जाए तो बीतें यूपी निकाय चुनाव में भी बसपा सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ईवीएम को लेकर आवाज उठायी थी। ईवीएम के वोट और वीवीपैट की पर्चियों के मिलान को लेकर कांग्रेस पार्टी की मांग वर्त्तमान में ईवीएम के खिलाफ सबसे बड़ी मांग है।
इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने राज्य निर्वाचन आयोग से आग्रह किया था कि नगर निगम चुनाव ईवीएम से करने के बजाए बैलेट पेपर के द्वारा कराया जाए। लेकिन अभी तक किसी पार्टी ने पर्चियों के मिलान करने की मांग नहीं की थी। अगर देखा जाए तो यह कारनामा सबसे पहले कांग्रेस ने किया है। गुजरात में पहले चरण की वोटिंग के दौरान भी कांग्रेस की ओर से उसके नेता अर्जुन मोढवाडिया ने दावा किया था कि पोरबंदर के मुस्लिम बहुल इलाके मेमनवाड़ा के तीन मतदान केंद्रों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें ब्लूटूथ के जरिए बाहरी उपकरणों से जुड़ी हुई हैं।
हालाँकि चुनाव अधिकारी ने कांग्रेस के इस शिकायत को यह कहते हुए ख़ारिज कर दिया था कि एक मतदान एजेंट के पास मोबाइल फोन था जिस पर ‘ईसीओ 105’ मॉडल नंबर के तौर पर अंकित था। इसमें शिकायतकर्ता ने ईसी को चुनाव आयोग समझ लिया। इस मामले पर कांग्रेस ही नहीं राजद सुप्रीमो लालू यादव भी सवाल करते हुए चुनाव आयोग को कटघड़े में खड़ा किया था। लालू यादव ने ट्वीट कर लिखा कि ईवीएम को लेकर बार-बार क्यों सवाल उठ रहे हैं, EC इसके लिए क्या दूरगामी हल निकाल रहा है। बीजेपी को ही इससे क्यों फायदा हो रहा है, कौन जवाब देगा।
कांग्रेस ने गुजरात चुनाव में ख़राब ईवीएम मशीनों को लेकर चुनाव आयोग पर निशाना साधा है। कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी और गुजरात के प्रभारी अशोक गहलोत ने आजतक से खास बातचीत में कहा कि चुनाव के दौरान जगह जगह से ईवीएम मशीन के ख़राब होने की बात हमारे सामने आ रही है। गहलोत ने कहा कि हमने चुनाव आयोग से शिकायत भी की थी। इसपर चुनाव आयोग ने कहा कि लोकतंत्र के बुनियाद ही देश के चुनाव है, और जनता ही माई बाप है वही तय करेगा कौन जीतेगा और कौन हारेगा।
इसपर अशोक गहलोत ने कहा कि उस माई बाप को कम से कम हम यह विश्वास दिलाये की वह जिसे वोट डालना चाहते है, मशीन से उसे ही वोट पड़ रहे है। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव में ही उसके साथ धोखा धड़ी होती है तो इससे लोकतंत्र की नींव कमजोर होती है। गहलोत ने कहा कि पता नहीं क्यों पुरे देश में यह अफवाह फ़ैल गई है कि ईवीएम मशीनों में भी गड़बड़ी की जा सकती है।
अशोक गहलोत का कहना है कि जब दुनिया के बड़े बड़े देश बैलट पेपर से वोट पड़वा सकते है तो हम क्यों नहीं पड़वा सकते है। उनका कहना है कि चुनाव आयोग सभी बड़ी पार्टियों को बुला कर इस पर विशेष चर्चा करे।