कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं-कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने सोमवार को नागरिकता(संशोधन) विधयेक को लेकर केंद्र पर निशाना साधा। दोनों नेताओं ने गृहमंत्री अमित शाह द्वारा आज इसे लोकसभा में पेश करने से पहले सोशल मीडिया पर इस संबंध में अपनी बात रखी।
नागरिकता(संशोधन) विधेयक, 2019 के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदुओं, ईसाइयों, सिखों, पारसियों, जैनियों और बौद्धों को भारतीय नागरिकता दिया जाना प्रस्तावित है, जिसका कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं और ‘असंवैधानिक’ बता रहे हैं।
सिब्बल ने ट्विटर पर सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा, “कैब( विधेयक) एक ऐसी कैब है, जिसका चालक विभाजनकारी है, जो हमारे सामाजिक और संवैधानिक मूल्यों को अस्थिर और नष्ट करना चाहता है। जिसकी नजर केवल राजनीतिक लाभ उठाने पर है। हाथ मिलाओ देश बचाओ ”
वहीं सिंघवी ने इसे असंवैधानिक बताते हुए ट्वीट किया, “कांग्रेस इसके मौजूदा स्वरूप में सीएबी का विरोध करती है, क्योंकि यह संविधान के विरुद्ध है। जिसका एक आधुनिक और बहुध्रुवीय समाज के दूरदर्शियों द्वारा महात्मा गांधी के भारत के लिए निर्माण किया गया था, जो हमारे अतिवादी पड़ोसी से अगल था।”
अल्पसंख्यक संगठनों ने भी विधेयक से मुस्लिमों को बाहर रखने पर इसका विरोध किया है और जमीनी स्तर पर भी यह संविधान के खिलाफ है, जो धर्म के आधार पर नागरिकों में विभेद नहीं करता है।
माकपा ने भी रविवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि वे प्रस्तावित विधेयक को लेकर दो संशोधन पेश करेंगे।
इसबीच, भाजपा ने 9 से 11 दिसंबर तक सदन में रहकर सरकार के पक्ष का इस विधेयक का समर्थन करने के लिए अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी किया है।