Mon. Nov 18th, 2024

    पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय नागरिकता अधिनियम (सीएए) के मुद्दे पर कांग्रेस द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला लिया है। बनर्जी ने हालांकि सीएए के साथ ही प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का खुलकर विरोध किया है, मगर उनके कांग्रेस के साथ शामिल नहीं होने से विपक्ष में दरार साफतौर पर देखी जा सकती है।

    बनर्जी ने आरोप लगाया है कि वामपंथी और कांग्रेस इस मुद्दे पर घटिया राजनीति कर रहे हैं और वह अकेली लड़ाई लड़ेंगी।

    नए कानून को लेकर चौतरफा विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी बीच सीएए और पुलिस की बर्बरता के मुद्दे पर नई दिल्ली में 13 जनवरी को समान विचारधारा वाले दलों की बैठक बुलाई गई है।

    कांग्रेस के साथ अपने मतभेदों के कारण बहुजन समाज पार्टी (बसपा) भी बैठक से दूरी बना सकती है।

    वहीं कांग्रेस अपने नए सहयोगी शिवसेना को इस बैठक में अपने साथ करने की कोशिश कर रही है, जिसके लोकसभा में 18 सदस्य हैं। शिवसेना की तरफ से अभी इस बारे में कोई पुष्टि नहीं हुई है।

    कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि वे सीएए और छात्रों पर पुलिस की बर्बरता के खिलाफ सामूहिक विरोध चाहते हैं।

    जेएनयू में हुई हिंसा और देशव्यापी अशांति पर चर्चा के लिए शनिवार को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक निर्धारित है।

    पार्टी के सूत्रों ने कहा कि सीडब्ल्यूसी सभी कांग्रेस शासित राज्यों में सीएए का बहिष्कार करने का प्रस्ताव पारित कर सकती है।

    कांग्रेस ने जेएनयू में अपने नेताओं की एक टीम भी भेजी थी, ताकि हिंसा के कारणों का पता लगाया जा सके। यह टीम अपनी रिपोर्ट कार्यसमिति की बैठक से पहले देगी, जिस पर बैठक में चर्चा होने की संभावना है।

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