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    राहुल गांधी

    कांग्रेस उपाध्यक्ष से अध्यक्ष बने राहुल गांधी पार्टी को सत्ता में वापिस लाने के लिए कडी मेहनत कर रहे है। साल 2014 के चुनावों में कांग्रेस की हार इस तरह से शुरू हुई हुई कि देश के कई राज्यों में कांग्रेस को अपनी सरकार गंवाना पड़ा। उस समय राहुल गांधी कांग्रेस के उपाध्यक्ष थे। कुछ समय पहले सोनिया गांधी ने राहुल को पार्टी अध्यक्ष बनाया था।

    कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में जान फूंकने व उन्हें उत्साहित करने के लिए राहुल गांधी ने अहम फैसला लिया है। पार्टी के कार्यकर्ताओं से राहुल गांधी सप्ताह मे एक बार एक घंटे के लिए मुलाकात करेंगे। इसके अलावा राहुल गांधी पार्टी नेताओं से हफ्ते में दो बार मुलाकात करेंगे।

    कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में देश भर से आए पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की। वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि राहुल गांधी का कार्यालय 9.30 से 11 अक्टूबर के बीच खुले रहेगा।

    अब सप्ताह में पार्टी नेता व आम कार्यकर्ता राहुल गांधी के साथ मुलाकात कर सकते है। इसके लिए राहुल गांधी से पहले अपॉइन्टमेंट लेना होगा। राहुल गांधी व कार्यकर्ताओं के बीच हर सप्ताह होने वाली मुलाकात में मीडिया को उपस्थित होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

    पार्टी अध्यक्ष कार्यालय को किया साफ-सुधरा तैयार

    पार्टी ने ये निर्णय जमीनी स्तर के उन सभी कार्यकर्ताओं के लिए लिया है जो राहुल गांधी के साथ बातचीत करके अपने विचारों को रख सकेंगे। राहुल गांधी की नई रणनीति अब पार्टी कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलने की है ताकि आगामी चुनावों मे कांग्रेस को जीत हासिल हो सके।

    पार्टी सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी आज पार्टी मुख्यालय में आए और दिल्ली, राजस्थान और कर्नाटक सहित विभिन्न राज्यों के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के प्रतिनिधिमंडलों से मिले। जब राहुल गांधी कांग्रेस के महासचिव थे तब वे पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए ‘जनता दरबार’ को अपनी दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तरह ही रखते थे।

    गौरतलब है कि पार्टी मुख्यालय में कांग्रेस अध्यक्ष का कार्यलय कई सालों से बंद रहा है। अब फिर से कांग्रेस अध्यक्ष कार्यालय को बिल्कुल साफ-सुथरा करके राहुल गांधी के लिए तैयार कर दिया गया है।