राहुल के अध्य्क्ष बनते ही हुआ वही जिसका आभास पहले से था। बीजेपी ने इस मौके को चुनावी हथियार बनाते हुए आज कांग्रेस पर जमके निशाना साधा है। बीजेपी का ऐसा करना तय माना जा रहा था। ऐसा होता भी क्यों ना, राहुल गांधी तो वैसे भी विवादों में घिरे रहते है और इस मुद्दे पर तो खुद कांग्रेस पार्टी में आपसी सहमति नहीं है।
शहजाद पूनावाला तो इस मुद्दे पर खुलकर राहुल के खिलाफ बिगुल फूंक चुके है। राहुल के खिलाफ जिस चिंगारी की जरूरत बीजेपी को थी वो उन्हे शहजाद के रूप में मिल गयी है। जब से शहजाद ने यह कहा है कि “राहुल का इलेक्शन नहीं सिलेक्शन होगा” तब से इस मुद्दे पर मानों बवाल हो गया है। बीजेपी नेताओं के लिए कुछ ही समय में अचनाक शहजाद प्रिय हो गये है। प्रधानमंत्री भी उनकी तारीफ़ कर रहे है।
आज तमाम विवादों के बिच राहुल ने अध्य्क्ष पद के लिए नामंकन किया। नामंकन की इस रस्म के समय कांग्रेस के बड़े बड़े राजनेता मौजूद रहे। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित, ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई कांग्रेस नेता उनके नामंकन के साक्षी बने। राहुल को आज दुनिया भर की बधाईया मिल रही है।
मनमोहन सिंह ने राहुल को आशीर्वाद देते हुए कहा है कि उनको यकीन है कि राहुल भी अपनी माँ की तरह कांग्रेस की अच्छी सेवा करेंगे। उन्होने ने कहा कि सोनिया ने पिछले लगभग दो दशकों से अध्य्क्ष पद पर रहते हुए कांग्रेस की हर तरह से सेवा की है ऐसे में राहुल से उम्मीदे बढ़ गयी है।
राहुल पर जब भी विवाद बढ़ता है कांग्रेस पार्टी उनके समर्थन में आ जाती है। इस बार भी ऐसा ही है। राहुल के ताजपोशी पर बढ़ते विवाद को देखते हुए कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि राहुल को अध्यक्ष सर्वसम्मति से बनाया जा रहा है इस फैसले में सबका योगदान है।
कांग्रेस का मानना है कि जहांगीर की जगह शाहजहां और शाहजहां की जगह औरंगज़ेब जैसे बिना चुनाव के बादशाह बने थे, वैसे ही उनके अध्यक्ष के लिए चुनाव की ज़रूरत नहीं है। कांग्रेस को उनका 'औरंगज़ेब राज' मुबारक।हमारे लिए देश की 125 करोड़ जनता सर्वोपरि है : पीएम मोदी #RahulMughalEmperor pic.twitter.com/pi4Cp453OG
— BJP (@BJP4India) December 4, 2017
अशोक गहलोत ने ना सिर्फ राहुल का बचाव किया है बल्कि बीजेपी और मोदी को निशाना भी बनाया है। उन्होने कहा है कि कांग्रेस एक लोकतान्त्रिक पार्टी है। यहां पर अध्यक्ष आरएसएस नहीं तय करती। उन्होने कहा कि बीजेपी पार्टी का अध्य्क्ष भी आरएसएस के इशारों पर तय होता है।
Today #RahulGandhi ji filled the nomination papers for #CongressPresident. It is a much awaited decision, it is a great day for all Congressmen… #IndiawithRahulGandhi pic.twitter.com/mGM8L2wv5O
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 4, 2017
पहले सेट के लिए कांग्रेस नेता अहमद पटेल, पुडुचेरी नारायण सामी, पूर्व दिल्ली सीएम शीला दीक्षित, मोतीलाल वोरा, कमलनाथ, मोहसिना किदवई, तरुण गोगोई और अशोक गहलोत राहुल गांधी के प्रस्तावक बने है। राहुल के अध्य्क्ष बनते ही उन पर हमले तेज हो गए है। लोग ट्वीटर और सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रियाए दे रहें हैं।