प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने एक साक्षात्कार में कहा कि उनका ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ का नारा देश से विपक्ष पार्टी को हटाने के लिए नहीं किन्तु उनकी बनायीं हुई संस्कृति को खत्म करने के लिए है। मोदी ने बताया कि देश में यदि आज कोई कहता है कि वह राजनीति से है, तो लोग डर जाते हैं। ऐसा माहौल कांग्रेस पार्टी नें ही बनाया है, और इसे देश से हटाना होगा। उन्होंने कहा कि राजनेता जनता का सेवक होता है और सभी पार्टियों को यह मानना होगा।
मोदी के अनुसार देश में चल रही कांग्रेस संस्कृति ने सिर्फ जातिवाद, राजवंश, भ्रष्टाचार और सत्ता पर पूर्ण अधिकार ज़माने जैसी परम्पराओं को ही बढ़ावा दिया है और वह अपने देश से इस प्रकार की संस्कृति को मिटा देना चाहते हैं। कांग्रेस को देश की राजनीति का मुख्य-स्तम्भ बताते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा प्रचलित की गयी इस संस्कृति से देश की कोई भी अन्य राजनीतिक पार्टी अछूत नहीं रह गयी है। ‘टाइम्स नाओ’ को दिए साक्षात्कार में मोदी ने कहा कि वह कांग्रेस को भी उन्ही की चलायी हुई इस संस्कृति से पूर्णतः मुक्त करना चाहते हैं।
मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए उनके द्वारा तीन तलाक़ विधेयक को पारित होने देने में जताई हुई आपत्ति पर भी उनकी आलोचना की।उन्होंने कहा कि विपक्ष पार्टी को वोट की राजनीति छोड़ अपनी प्रतिगामी मानसिकता से बाहर निकलना चाहिए और महिलाओं के हित के बारे में भी सोचना चाहिए। उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि क्या देश की राजनीति इतनी निचले स्तर पर पहुँच गयी है कि वह कुछ वोटों के लिए महिला सशक्तिकरण के नज़रिए से फैसले नहीं ले सकती। इसी विषय में आगे उन्होंने कहा कि वह आशा करते हैं कि जब राजीव गाँधी प्रधानमंत्री थे तब पार्टी द्वारा की गयी गलती से इन्होंने कुछ सीखा होगा। आपको बता दें कि 1985 में सुप्रीम कोर्ट ने एक तलाकशुदा महिला शाह बानो के पक्ष में फैसला सुनाया था, जिन्होंने अपने पति से रखरखाव की मांग की थी। हालांकि, रूढ़िवादी मुस्लिम समूहों से एक प्रतिक्रिया के बाद, राजीव गांधी की अगुवाई में कांग्रेस ने एक अधिनियम के जरिए आदेश को पतला किया था।
“यह हर किसी को गरिमा के साथ रहने देने के लिए एक कदम था। कांग्रेस क्यों इस समाज सेवा को समझने में सक्षम नहीं थी, यह चिंता का मामला है। क्या राजनीति इतनी नीचे गिर गयी है? क्या सत्ता की भूख इतनी बढ़ गयी है कि वे देख नहीं सकते हैं कि निर्दोष माताएं और बहनें पीड़ित हैं। यह बहुत ही स्वार्थी रवैया है। मुझे यह सब देखकर अत्यंत पीढ़ा की अनुभूति होती है, “उन्होंने कहा। “पर्यावरण भी बदल गया है और साथ ही साथ दुनिया भर के इस्लामी देशों ने भी अपने कानून बदल दिए हैं। इसलिए कांग्रेस पार्टी या किसी भी पार्टी जो वोट बैंक की राजनीति में शामिल हो, उसे इस प्रतिद्वंदीवादी मानसिकता से बाहर आना चाहिए और महिलाओं के सशक्तिकरण और महिलाओं के प्रति सम्मान के दृष्टिकोण से विचार करना चाहिए।” उन्होंने दावा किया कि यह विधेयक महिलाओं की हित के लिए लाया गया था और इसका राजनीतिक दाँव पेंच से कोई लेना देना नहीं है।
प्रधानमंत्री ने ‘कांग्रेस-मुक्त भारत’ का नारा 2014 लोक सभा चुनावों के दौरान दिया था लेकिन वो पहली बार इस पर लम्बे समय तक चर्चा करते हुए दिखे।
यह नारा एक बहुत ही लोकप्रिय राजनीतिक हथियार बन गया था जब 2014 के लोक सभा चुनाव में कांग्रेस महज़ 44 सीट ही जीत पायी थी और इसके पश्चात कई राज्यों में भाजपा के हाथों सत्ता के इस खेल में पिछड़ गयी थी। वर्तमान समय में कांग्रेस केवल पंजाब, पुडुचेरी, कर्नाटक, मेघालय और मिजोरम में ही सत्ता पर काबिज़ है। ज्ञात हो कि मेघालय के लिए फरवरी में चुनाव घोषित हो चुके हैं।
मोदी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि भले ही उनका दिया गया कांग्रेस मुक्त भारत का नारा काफी प्रचलित हुआ लेकिन उसकी पीछे छिपी हुई भावना को लोगों ने नहीं समझा और राजनीती से ही जोड़ दिया। उन्होंने कहा कि राजनीती में अक्सर चीजें जल्दी में कह दी जाती हैं और उनका बाद में कुछ अलग ही अर्थ निकाल लिया जाता है। उनके अनुसार जब उन्होंने यह बात बोली थी तो उन्होंने कांग्रेस को एक संगठन के रूप में निशाना नही बनाया था और उनका मकसद कांग्रेस को देश से बाहर निकालना नही था। उन्होंने कहा कि स्वंतंत्रता के बाद उभरी कांग्रेस की इस संस्कृति ने देश में काम कर रही अन्य राजनीतिक पार्टियों को भी यही सन्देश दिया कि राजनीती में रहने के लिए उन्हें जातिवाद, भ्रष्टाचार, विश्वासघात और शोषण जैसी गतिविधियों में लिप्त होकर ही सफलता प्राप्त हो सकती है। उन्होंने दावा किया कि यही संस्कृति भारत की राजनीती का हिस्सा बन गयी जिसका मुख्य स्तम्भ कांग्रेस रही। उन्होंने कहा कि वह इस संस्कृति से आने वाली पीढ़ी को बचाना चाहते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि यह वही कांग्रेस है जिसने स्वंतंत्रता संग्राम के समय युवाओं को देश के लिए अपने जीवन का त्याग करने के लिए प्रेरित किया था।
इस नारे के चलते उन पर हुए सभी हमलों के चलते मोदी ने ये सारी बातें कहीं। ज्ञात हो कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने मोदी के दिए हुए कांग्रेस मुक्त भारत के नारे को निशाना बनाते हुए कहा था कि उनकी पार्टी भाजपा की विचारधारा से लड़ेगी लेकिन भाजपा का देश से सफाया कभी नही करेगी क्योंकि वह भी देश के कुछ लोगो की सोचा का व्याख्यान करते हैं।
दूसरे देशों में दिए गए मोदी के भाषण पर राहुल गाँधी द्वारा लगाये गए आरोपों का जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति देश के बाहर जाकर कुछ कहता है तो “यह देश की पहचान से ज्यादा व्यक्ति की पहचान का खुलासा करते हैं।”
मोदी ने उल्लेख किया कि उन्होंने ‘संसद आदर्श ग्राम योजना’ 2014 में सत्ता में आने के तुरंत बाद लॉन्च की थी। उन्होंने इस योजना की सराहना की लेकिन उन्होंने कहा कि उन्होंने जो उम्मीद की थी, वह नहीं हुआ था।