Sun. Nov 17th, 2024

    शनिवार को कांग्रेस ने राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में ‘भारत बचाओ रैली’ का आयोजन किया। रैली में भारी मात्रा में लोग शामिल हुए। कांग्रेस के सभी दिग्गज नेता भी रैली में उपस्थित रहे। रैली ने दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस ने जमकर भाजपा पर हमला बोला।

    सोनिया गांधी- इस पार या उस पार का फैसला लेने का वक्त आ गया है

    कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को यहां भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला और सरकार की कुनीतियों के कारण देश में पैदा हुई समस्याओं के खिलाफ संघर्ष करने का पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आज देश में अंधेर नगरी चौपट राजा जैसा माहौल है, जिसके खिलाफ कड़े संघर्ष की जरूरत है। सोनिया गांधी ने पार्टी की ओर से यहां रामलीला मैदान में आयोजित ‘भारत बचाओ रैली’ में उपस्थित विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, “आज देश में अंधेर नगरी चौपट राजा जैसा माहौल है। पूरा देश पूछ रहा है कि ‘सबका साथ सबका विकास’ कहां है।”

    सोनिया ने सवाल किया, “अर्थव्यवस्था इस तरह क्यों तबाह हो गई? रोजगार कहां गए? इस बात की जांच होनी चाहिए कि नहीं कि जिस काले धन को बाहर लाने के लिए नोटबंदी की गई, वह बाहर क्यों नहीं आया, वह किसके पास है? इसकी जांच होनी चाहिए कि नहीं कि आधी रात को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लागू करने के बाद मोदी सरकार का खजाना खाली क्यों हो गया? इसकी जांच होनी चाहिए कि नहीं कि आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) की जेब काटकर मोदी सरकार ने जो लाखों-करोड़ रुपये ले लिए वे कहां हैं? इसकी जांच होनी चाहिए कि नहीं कि नवरत्न कंपनियां क्यों और किन्हें बेची जा रही हैं?”

    उन्होंने कहा, “काफी समय से देश की हालत बहुत गंभीर हो गई है। हमारी जिम्मेदारी है कि हम घर से निकल कर इसके खिलाफ आंदोलन करें। सबकी जिंदगी में कभी न कभी ऐसा वक्त आता है जब उसे ‘इस पार या उस पार’ का फैसला लेना पड़ता है। आज वह वक्त आ गया है। देश को बचाना है तो हमें कठोर संघर्ष करना होगा। आज हमारे युवा इस तरह की बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं जैसा कि दशकों तक नहीं हुआ। बच्चे नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं। लगी लगाई नौकरियां उनके हाथ से जा रही हैं। उनके सामने अंधेरा ही अंधेरा है।”

    सोनिया ने जनसमूह को ललकारते हुए कहा, “मैं आपसे पूछती हूं कि हम युवाओं के भविष्य के लिए कठोर संघर्ष के लिए तैयार हैं कि नहीं? अन्नदाता किसान भाइयों की परेशानियां इतनी बढ़ गई हैं, उनका जीना और भी ज्यादा मुश्किल हो गया है। उन्हें समय पर बीज नहीं मिलता, आसानी से खाद नहीं मिलती। पानी बिजली की सुविधाएं ठीक से नहीं मिलतीं। इतनी कठिनाइयों के बावजूद फसल के दाम भी नहीं मिलते हैं। तो हम अपने किसान भाइयों के लिए संघर्ष करने के लिए तैयार हैं कि नहीं?”

    उन्होंने आगे कहा, “हमारे कामगार मजदूर भाई-बहन सर्दी, गरमी, बरसात की परवाह किए बिना दिन-रात मजदूरी में लगे रहते हैं फिर भी उन्हें ठीक से दो रोटियां नहीं मिल रही हैं। छोटे-बड़े कारोबारियों ने बैंकों से कर्ज लेकर काम-धंधा शुरू किया है, वे मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण तबाह हो गए हैं। वे समय पर बैंक का कर्ज नहीं दे पा रहे हैं और पूरे परिवार के साथ आत्महत्या की खबरें आ रही हैं। क्या हम सब उनके लिए संघर्ष करने के लिए तैयार हैं कि नहीं?”

    महिलाओं को संबोधित करते हुए सोनिया ने कहा, “मुझे अहसास है कि मेरी प्यारी बहनों को परिवार पालने के लिए कितना समझौता करना पड़ता है। आप मेहनत करती हैं, पेट काटकर परिवार पालती हैं। रोजमर्रा की चीजों की कीमत सीमा से बाहर होने के कारण आपकी नींद हराम हो गई है। उनके ऊपर जिस तरह की जुल्म और बर्बरता हो रही है, उसे देखकर हमारा सिर शर्म से झुक जाता है। अपनी मां बहन और बच्चियों की इस हालत के खिलाफ हम संघर्ष करने के लिए तैयार हैं कि नहीं?”

    सोनिया के इन आह्वानों पर हर बार जन समूह की तरफ आवाज आई “हां, हम तैयार हैं।”

    गांधी ने ‘अच्छे दिन’ पर तंज कसते हुए कहा, “जनता का पैसा, बैंकों तक में सुरक्षित नहीं है। आम आदमी अपना पैसा न घर में रख सकता है और न बैंकों से निकाल सकता है। मोदी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी), शाह (गृहमंत्री अमित शाह) इसको कहते हैं ‘अच्छे दिन’।”

    उन्होंने कहा, “अब ऐसा दिन आ गया है जब मर्जी आए कोई धारा लगा दो, कोई धारा हटा दो, प्रदेशों का दर्जा बदल दो, जब मर्जी आए राष्ट्रपति शासन हटा दो, बिना बहस कोई भी विधेयक पारित कर दो।”

    उन्होंने कहा कि ये (केंद्र सरकार) संविधान दिवस मनाने का दिखावा करते हैं और हर रोज संविधान की धज्जियां उड़ाते हैं।

    संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, “मोदी, शाह को इसकी परवाह नहीं है कि वे जो सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) लाए हैं, वह भारत की आत्मा को तार-तार कर देगा, जो असम और अन्य पूर्वोत्तर के राज्यों में हो रहा है। मैं दावे से कह सकती हूं कि हमारे देश का बुनियादी स्वभाव ऐसे कदमों की इजाजत नहीं दे सकता।”

    उन्होंने कहा, “मोदी, शाह सरकार को न संसद की चिंता है न संवैधानिक संस्थाओं की परवाह है। मोदी, शाह का एक ही संकीर्ण एजेंडा है कि लोगों को लड़वाओ और असल मुद्दों को छिपाओ।”

    उन्होंने कहा, “नाइंसाफी सहना सबसे बड़ा अपराध है, इसलिए मोदी, शाह को अपनी आवाज बुलंद करके बताइए कि लोकतंत्र की रक्षा और संविधान की रक्षा के लिए हम कोई भी कुर्बानी देने और हर संघर्ष के लिए तैयार हैं। हम अंतिम सांस तक देश, लोकतंत्र और सविधान की रक्षा का अपना कर्तव्य निभाते रहेंगे।”

    राहुल गांधी- मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं है, राहुल गांधी है

    कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को यहां भाजपा की तरफ से की गई माफी की मांग पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उनका नाम ‘राहुल सावरकर’ नहीं है, उनका नाम राहुल गांधी है और वह सच बोलने के लिए माफी नहीं मांगेंगे। उन्होंने कहा कि माफी (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को इस देश से मांगनी चाहिए। राहुल गांधी ने यहां रामलीला मैदान में कांग्रेस की ओर से आयोजित ‘भारत बचाओ रैली’ में उपस्थित विशाल जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।

    उन्होंने कहा, “कल संसद में भाजपा के लोगों ने कहा कि आप अपने भाषण के लिए माफी मांगिए। लेकिन मैं आपको बता दूं कि मेरा नाम ‘राहुल सावरकर’ नहीं है, मेरा नाम ‘राहुल गांधी’ है। मर जाऊंगा, मगर माफी नहीं मांगूंगा। सच बोलने के लिए मैं माफी नहीं मांगूंगा। कांग्रेस का कोई व्यक्ति माफी नहीं मांगेगा।”

    राहुल ने कहा, “माफी (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी को मांगनी है इस देश से। उनके असिस्टेंट (गृहमंत्री) अमित शाह को देश से माफी मांगनी है,” क्योंकि उन्होंने देश को बर्बाद कर दिया है।

    राहुल का इशारा हिंदूवादी नेता दिवंगत विनायक दामोदर सावरकर द्वारा 14 नवंबर, 1913 को ब्रिटिश सरकार को लिखे गए माफी के पत्र की तरफ था, जिसे उन्होंने अंडमान के सेलुलर जेल में बंद रहने के दौरान लिखा था।

    उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी ने झारखंड में एक चुनावी रैली के दौरान ‘रेप इन इंडिया’ टिप्पणी की थी, जिस पर भाजपा सदस्यों ने शुक्रवार को संसद में उनसे माफी की मांग की थी। राहुल की इस टिप्पणी को लेकर संसद में काफी हंगाम हुआ था।

    राहुल ने आगे कहा, “इस देश की शक्ति, आत्मा यहां की अर्थव्यवस्था थी। पूरी दुनिया हमारी तरफ देखती थी और कहती थी कि यह हिंदुस्तान में क्या हो रहा है। अलग-अलग धर्मो का देश नौ प्रतिशत जीडीपी पर कैसे चल रहा है। पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था भारत और चीन पर निर्भर थी। इसे चिंडिया कहते थे।”

    उन्होंने कहा, “लेकिन आज प्याज की कीमत 200 रुपये (प्रति किलोग्राम) पर पहुंच गई है। नोटबंदी कर दिया। उस चोट से जो नुकसान हुआ वह आजतक ठीक नहीं हुआ। देश की अर्थव्यवस्था को नरेंद्र मोदी ने नष्ट कर दिया। इसलिए मोदी को देश से माफी मांगनी है।”

    कांग्रेस नेता ने कहा, “उन्होंने आपसे झूठ कहा कि काले धन के खिलाफ लड़ाई है, काले धन, भ्रष्टाचार को खत्म करना है। माताओं, बहनों, युवाओं की जेब से पैसा निकाला और लाखों करोड़ रुपये अडानी और अंबानी के हवाले कर दिया। उसके बाद ‘गब्बर सिंह टैक्स’ (जीएसटी)। (पूर्व प्रधानमंत्री) मनमोहन सिंह जी, (पूर्व वित्तमंत्री) चिदंबरम जी ने उनसे कहा कि बिना पायलट प्रोजेक्ट के इसे लागू मत कीजिए, लेकिन मोदी ने उनकी नहीं सुनी।”

    बेरोजगारी के मुद्दे पर केंद्र की भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए राहुल ने कहा, “देश में आज 45 सालों की सबसे ज्यादा बेरोजगारी है। आज जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) नौ प्रतिशत से घटकर चार प्रतिशत पर आ गई है। उन्होंने जीडीपी मापने का तरीका बदल दिया, अगर आज पुराने तरीके से जीडीपी मापी जाए तो यह सिर्फ 2.5 प्रतिशत है।”

    उन्होंने कहा कि दुश्मन चाहते थे और चाहते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था नष्ट हो जाए और मोदी ने उसे कर दिया।

    राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी पर चुनिंदा उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “मोदी ने अडानी को 50 कॉन्ट्रैक्ट दे दिए। एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के एयरपोर्ट्स पकड़ा दिए। बिना कॉन्ट्रैक्ट के दे दिए, इसे क्या चोरी, भ्रष्टाचार नहीं कहेंगे? कुछ दिनों पहले ही उन्होंने देश के 15-20 लोगों के 1.40 लाख करोड़ रुपये माफ कर दिए।”

    उन्होंने कहा, “हमने मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, पंजाब में किसानों के कर्ज माफ किए, क्योंकि किसान के बिना अर्थव्यवस्था आगे नहीं जा सकती। मनरेगा इसलिए दिया, क्योंकि मजदूर के बिना अर्थव्यवस्था आगे नहीं जा सकती। नरेंद्र मोदी ने ये पैसा छीन कर अपने दो-चार दोस्तों को दे दिया। आज हर रोज किसानों की आत्महत्या की खबरें आ रही हैं। मैंने संसद में सवाल किया कि कितने किसानों ने आत्महत्या की तो जवाब मिला कि उन्हें (केंद्र सरकार) नहीं मालूम, प्रदेशों से पूछो। इन्हें शर्म आनी चाहिए।”

    राहुल ने भाजपा सरकार पर लोगों को बांटने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “वे (भाजपा) एक धर्म को दूसरे धर्म से लड़ाने का काम करते हैं। जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर, असम, मिजोरम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश में देखिए मोदी ने क्या कर डाला है, जला दिया है उन प्रदेशों को, आग लगा दी है।”

    उन्होंने आगे कहा, “ये (भाजपा) बांटने का, देश को कमजोर करने का काम करते हैं। छोटे दुकानदार, किसान, मजदूर, बेरोजगार, सब मिलकर इस देश को खड़ा करते हैं। लेकिन आपके देश को कमजोर किया जा रहा है। अर्थव्यवस्था को नष्ट किया जा रहा है। मोदी ने सत्ता के लिए अर्थव्यवस्था को नष्ट कर दिया। आज युवा बेरोजगार है। उन्हें सिर्फ अपनी मार्केटिंग चाहिए, हमेशा टीवी पर आना चाहिए।”

    राहुल ने मीडिया और सरकारी संस्थानों को उनके कर्तव्यों के प्रति सचेत किया। उन्होंने कहा, “मीडिया पर बहुत जिम्मेदारी है। हमारे शासनकाल में आप हम पर आक्रमण करते थे। लेकिन आज आप अपना काम भूल गए हैं। मैं हिंदुस्तान की सभी संस्थाओं, सरकारी कार्यालयों, मीडिया से आग्रह करता हूं कि जिम्मेदारी आपकी भी है। आज हमें डराया जा रहा है। लेकिन कांग्रेस पार्टी किसी से नहीं डरती। इस डर को हम सब मिलकर मिटा देंगे।”

    पी चिदंबरम – अच्छे दिन आने वाले हैं

    कांग्रेस नेता व पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अपने भाषण के दौरान केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि 6 महीने में मोदी सरकार ने भारत की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है। लेकिन उनके मंत्रियों को इसका अंदाजा भी नहीं है। कल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सब कुछ ठीक है, हम दुनिया में शीर्ष पर हैं। केवल एक चीज जो उन्होंवने नहीं कही, कि ‘अचे दिन एने वले है।’

    भूपेश बाघेल- एनआरसी के जरिए देश में आग लगाना चाहती है केंद्र सरकार

    छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुआई वाली केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि ये लोग पूरे देश में एनआरसी लागू कर देश में आग लगाना चाहते हैं।

    यहां रामलीला मैदान में कांग्रेस पार्टी की ओर से आयोजित ‘भारत बचाओ रैली’ में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए बघेल ने कहा, “आज ये लोग पूरे देश में एनआरसी लागू करना चाहते हैं, ये देश में आग लगाना चाहते हैं। हम कांग्रेस के लोग जान देना जानते हैं, देश की एकता के लिए महात्मा गांधी ने जान दी। इंदिरा और राजीव गांधी ने बलिदान दिया।”

    उन्होंने कहा, “आज ऐसा लग रहा है कि बंदर के हाथ में उस्तरा आ चुका है। ये केवल जलाना जानते हैं, ये केवल काटना और बांटना जानते हैं। उन्होंने (भाजपा सरकार) नोटबंदी की, 125 लोग लाइन में लगकर मर गए, जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लाए तो व्यापारी लोग आत्महत्या करने लगे, ये (अनुच्छेद) 370 और 35ए खत्म किए तो कश्मीर में ताला लग गया।”

    उन्होंने कहा, “आज के समय में कांग्रेस ही एक मात्र विकल्प है और उसके नेता राहुल गांधी हैं। ये (केंद्र सरकार) किसान विरोधी हैं, ये व्यापारी विरोधी हैं, इन्होंने राज्यों को सताना शुरू कर दिया है, राज्यों को जीएसटी का पैसा देना बंद कर दिया है।”

    उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ में किसानों को मैं समर्थन मूल्य 2500 रुपये देना चाहता हूं, लेकिन उसमें उन्होंने रोक लगा दी है। हमारे राज्य में पिछले साल किसी किसान ने आत्महत्या नहीं की। राहुल गांधी ने कहा था कि ‘न्याय’ होगा और मैं कहना चाहता हूं कि न्याय होगा और 2500 रुपये किसानों की जेब में जाएगा।”

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