केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ 14 दिसंबर को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में मध्य प्रदेश से लगभग 50 हजार कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे। इसके लिए राज्य के पार्टी नेताओं को जिम्मेदारी सौंप दी गई है। प्रत्येक जिला इकाई को एक हजार कार्यकर्ताओं का लक्ष्य दिया गया है।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी की सभी जिला इकाइयों को एक-एक हजार कार्यकर्ताओं को दिल्ली ले जाने का लक्ष्य दिया गया है। इस तरह राज्य से 50 हजार से ज्यादा कार्यकर्ता दिल्ली पहुंचेगे। इसके लिए बैठकों का दौर भी शुरू हो गया है।
सूत्रों के अनुसार, पार्टी के राष्ट्रीय सचिव सुधांशु त्रिपाठी को जिला स्तर की बैठकें करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। त्रिपाठी इन बैठकों में विरोध प्रदर्शन को लेकर नेताओं से चर्चा कर निर्देश देंगे। इन बैठकों में जिलाध्यक्ष, जिला कार्यवाहक अध्यक्ष, लोकसभा उम्मीदवार, विधानसभा उम्मीदवार, विधायक, पूर्व जिलाध्यक्ष, पंचायत प्रतिनिधि और नगरीय निकायों के अध्यक्ष हिस्सा लेंगे।
पार्टी के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने पिछले दिनों भोपाल में आयोजित बैठक के दौरान कहा था कि राज्य से सबसे ज्यादा कार्यकर्ताओं को दिल्ली दिल्ली रैली में हिस्सा लेना चाहिए, जिसकी जिम्मेदारी जिलाध्यक्ष और प्रभारी मंत्री सहित अन्य नेताओं को सौंपी गई है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने केंद्र सरकार की विफलताओं को उजागर करने के लिए पांच नवंबर से 15 नवंबर तक देशभर में जिलास्तर और फिर राज्यस्तर पर विरोध प्रदर्शन की थी, और इसका समापन 30 नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी के रामलीला मैदान में एक विशाल रैली के साथ होना था। लेकिन संसद के शीतकालीन सत्र के कारण इस रैली को 14 दिसंबर के लिए टाल दिया गया। संसद सत्र 13 दिसंबर को समाप्त हो जाएगा।