महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए राजनीतिक दलों में चल रही खींचतान के बीच कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने सोमवार को विश्वास जताया कि राज्य के हालात नियंत्रण में हैं। उन्होंने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दौरान शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के ‘महा विकास अगाड़ी’ गठबंधन की जीत का संकेत दिया।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा महाराष्ट्र में भाजपा-अजीत पवार सरकार को राहत देने के बाद पटेल की प्रतिक्रिया आई है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल बी. एस. कोश्यारी के फैसले पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है, जिन्होंने राज्य में सरकार बनाने के लिए भाजपा को आमंत्रित करने का फैसला किया है।
पटेल ने आईएएनएस को बताया, “महाराष्ट्र में स्थिति नियंत्रण में है।”
उन्होंने राकांपा प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजीत पवार की मदद से सरकार बनाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर बेशर्मी की सीमाओं को पार करने का आरोप लगाया।
पटेल ने विश्वास व्यक्त किया कि फ्लोर टेस्ट के दौरान शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा गठबंधन भाजपा को हराएगा और तीनों दलों के गठबंधन की सरकार बनेगी।
उन्होंने कहा कि तीनों दल राजनीतिक और कानूनी मोर्चो पर स्थिति का डटकर सामना करेंगे।
इससे पहले शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र सरकार के गठन के मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि वह मंगलवार की सुबह 10:30 बजे अपना फैसला सुनाएगा।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा सदन से बाहर जाने के आदेश के बाद लोकसभा मार्शलों के साथ दो कांग्रेस सांसदों हिबी एडेन और टी. एन. प्रतापन के टकराव पर पटेल ने आदेश को असंवैधानिक बताया।
बिरला ने मार्शलों को दो कांग्रेस सांसदों को सदन से बाहर निकालने का आदेश दिया।
ये कांग्रेस नेता ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो (स्टॉप मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी)’ लिखे गए एक बड़े बैनर के साथ थे, जिन्होंने लोकसभा अध्यक्ष के आदेश पर ध्यान नहीं दिया। इसके बाद बिरला ने मार्शल को उन्हें बाहर लेकर जाने को कहा।
महाराष्ट्र में राकांपा नेता अजीत पवार के साथ भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के गठन के खिलाफ अपना विरोध व्यक्त करने के लिए कांग्रेस सांसद सदन के प्रश्नकाल के दौरान बैनर पकड़े हुए थे। अन्य कांग्रेस सांसदों ने भी केंद्र के खिलाफ नारे लगाते हुए सदन में हंगामा किया।
इसके बाद कांग्रेस सांसदों और मार्शलों के बीच हल्की झड़प हुई, जिसके बाद बिरला ने सदन स्थगित कर दिया।