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    राष्ट्रीय राजधानी में मतदान में केवल 20 दिनों का समय शेष रह गया है। ऐसे में दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर दुविधा बनी हुई है।

    जहां आप दिल्ली के साथ-साथ 12 मई को हरियाणा में होने वाले मतदान के लिए भी चुनाव पूर्व गठबंधन के चाहती है, वहीं कांग्रेस केवल दिल्ली के लिए गठबंधन चाहती है। दोनों पार्टियां अपनी-अपनी मांगों पर अड़ी हैं। ऐसे में गठबंधन का मुद्दा अधर में है।

    2014 में सात लोकसभा सीटों वाली दिल्ली में भाजपा पहले और आप दूसरे स्थान पर रही थी। हालांकि मोदी लहर के बावजूद सातों सीटों पर आप और कांग्रेस पार्टी का वोट शेयर भारतीय जनता पार्टी से ज्यादा था।

    सभी लोकसभा सीटों के आंकड़े बताते हैं कि यदि आप और कांग्रेस भाजपा को हराना चाहते हैं तो उन्हें हाथ मिला लेना चाहिए।

    चांदनी चौक में कुल 977,329 वोट पड़े थे, जिसमें से भाजपा के हर्षवर्धन को 437,938 (44.81 प्रतिशत), आप के आशुतोष को 301,618 (30.86 प्रतिशत) और कांग्रेस के कपिल सिब्बल को 176,206 (18.03 प्रतिशत) वोट मिले थे। अगर आप और कांग्रेस साथ में होते तो उनके पूरे वोट 477,824 होते, जोकि भाजपा से 40,000 ज्यादा होता है।

    इसी प्रकार से उत्तर-पूर्वी दिल्ली में, 13,13,514 वोट पड़े थे, जिसमें से भाजपा के मनोज तिवारी को 596,125 (45.38 प्रतिशत) वोट, आप के आनंद कुमार को 452,014 (34 प्रतिशत) और कांग्रेस के जयप्रकाश अग्रवाल को 214,792 (16.35 प्रतिशत) वोट मिले थे। कांग्रेस और आप का वोट शेयर भाजपा से 70,000 ज्यादा था।

    पूर्वी दिल्ली में 11,91,361 वोटों में से भाजपा के महेश गिरी को 572,202 (48.03 प्रतिशत), आप के राजमोहन गांधी को 381,739 (32.04 प्रतिशत), और कांग्रेस के संदीप दीक्षित को 203,240 (17.06 प्रतिशत) वोट मिले थे। दोनों दलों के मिले वोटों का जोड़ भाजपा से 12,000 अधिक होता है।

    नई दिल्ली में पड़े 964,223 वोटों में से भाजपा की मीनाक्षी लेखी को 453,350 (47.02 प्रतिशत), आप के आशीष खेतान को 290,642 (30.14 प्रतिशत) और कांग्रेस के अजय माकन को 182,893 (18.97 प्रतिशत) वोट मिले थे। यानी दोनों दलों का कुल वोट भाजपा से 20,000 अधिक है।

    भाजपा और आप में जीत का सबसे कम अंतर दिल्ली की उत्तर-पश्चिम सीट पर था, जहां कुल 13,47,210 वोट पड़े थे, जिसमें भाजपा के उदित राज को 629,860 (46.75 प्रतिशत) वोट मिले थे। वहीं आप की राखी बिड़ला 523,058 (38.83 प्रतिशत) वोट के साथ दूसरे स्थान पर रही थीं। कांग्रेस प्रत्याशी कृष्णा तीरथ को 157,468 (11.69 प्रतिशत) वोट मिले थे। दोनों दलों के वोटों का कुल योग भाजपा से 50,000 अधिक होता है।

    दक्षिणी दिल्ली में भाजपा के रमेश बिधूड़ी ने 497,980 (45.34 प्रतिशत) मतों के साथ जीत हासिल की थी। जबकि आप के देविंदर सहरावत 390,980 (35.60 प्रतिशत) मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे। कांग्रेस के रमेश कुमार को कुल 10,98,400 वोटों में से 125,213 (11.40 प्रतिशत) वोट मिले थे। यहां कांग्रेस और आप का वोट शेयर भाजपा से 18,000 अधिक था।

    कांग्रेस के इंतजार से थककर आप ने दिल्ली की सभी सातों सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। कांग्रेस की तरफ से प्रत्याशियों के नामों की घोषणा होनी अभी बाकी है। नामांकन-पत्र दाखिल करने की आखरी तिथि 23 अप्रैल है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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