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    कांगो

    कांगो (Congo) गणराज्य के उत्तरी पूर्वी क्षेत्र में शुरूआती जून में अंतर- जातीय हिंसा से 300000 से अधिक लोग भाग गए हैं। इससे इबोला के रोगी जोखिम में पड़ गए हैं और उन्हें ट्रेस करना मुश्किल हो गया है। यूएन की सहायता एजेंसियों ने मंगलवार को यह कहा था कि कांगो के उत्तर पूर्वी प्रान्त में बीते हफ्ते करीब 161 लोगो की हत्या हुई थी।

    यूएन के शरणार्थी एजेंसी के प्रवक्ता बाबर बलोच ने न्यूज़ ब्रीफिंग में कहा कि “लोकतान्त्रिक गणराज्य कांगो के उत्तरी पूर्वी क्षेत्र में हिंसा से 300000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। बीते हफ्ते के मध्य से इतुरी प्रान्त में हालात काफी खराब थे। कई हमलो में हेमा और लेंडु समूह शामिल है।

    यूएनएचसीआर को डर है कि प्रान्त के बड़े भागो में तनाव बढ़ गया है। नागरिकों के खिलाफ हत्याओं, अपहरण और यौन हिंसा की रिपोर्ट सामने आयी है। सरकार संघर्ष को काबू करने के प्रयास कर रही है। कांगो से हिंसा से भागने का स्तर काफी बढ़ गया था। अधिकतर लोग युगांडा में सुरक्षा चाह रहे हैं।”

    डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता तारिक जसरेविक ने कहा कि कांगो में इबोला का प्रकोप फ़ैल गया है जो बीते हफ्ते युगांडा तक पंहुच गए था और इससे अगस्त में 2168 इन्फेक्शन के मामले आये है और 1449 मृत्यु हुई हैं। इतुरी में 10 प्रतिशत मौतों के मामले सामने आये हैं।

    उन्होंने कहा कि “हमने हमेशा कहा है कि उत्तरी किवू और इतुरी में जनसँख्या की आवाजाही खतरे में हैं। हर वक्त जब लोग अधिक संख्या में लोग आवाजाही करते हैं तो उन्हें ट्रेस करने का कार्य अत्यधिक जटिल हो जाता है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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