कश्मीर घाटी में जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए गुरुवार को 17 विदेशी राजनयिकों का एक प्रतिनिधिमंडल श्रीनगर पहुंचा।
सदस्यों को हवाई अड्डे से श्रीनगर में सेना के 15 कोर मुख्यालय में ले जाया गया, जहां उन्हें सेना के शीर्ष कमांडरों द्वारा कश्मीर में सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी गई।
प्रतिनिधिमंडल सिविल सोसायटी के सदस्यों से मिलने के साथ ही पूर्व विधायकों सहित कुछ राजनेता भी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करेंगे।
यूरोपीय संघ के कुछ राजनयिक इस बार कथित तौर पर प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं बने।
हालांकि, रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिकी राजदूत केनेथ आई. जस्टर भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं।
पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद कश्मीर का दौरा करने वाला यह दूसरा विदेशी प्रतिनिधिमंडल है।
इससे पहले अक्टूबर 2019 में एक यूरोपीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल कश्मीर आया था, लेकिन तब सवाल उठाए गए थे कि जब भारतीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को घाटी की यात्रा की अनुमति नहीं दी गई तो फिर विदेशी लोगों के दौरा करने का क्या मतलब बनता है।
राजनयिकों से मिलने वाले प्रमुख वरिष्ठ राजनेताओं के एक समूह ने हाल ही में जम्मू में मंगलवार को उपराज्यपाल से मुलाकात की थी।