पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने मीडिया में आई इस रिपोर्ट का खंडन किया है कि ‘भारतीय जम्मू-कश्मीर’ के लिए वीजा की नीति में किसी तरह का बदलाव किया गया है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता आयशा फारूकी ने एक बयान में कहा है, “मीडिया के एक हिस्से में आई इस आशय की रिपोर्ट पूरी तरह से गलत और बेबुनियाद है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए वीजा नीति में बदलाव किया गया है।”
बयान में कहा गया है, “नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग जम्मू-कश्मीर के लोगों को पहले की ही तरह से वीजा जारी कर रहा है। पाकिस्तान सरकार की नीति और पाकिस्तान तथा भारत के बीच इस मामले में हुए द्विपक्षीय समझौतों के मुताबिक वीजा जारी किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के लोगों को वीजा जारी करने में पाकिस्तानी उच्चायोग उनसे पूरी तरह से सहयोग कर रहा है।”
फारूकी ने बयान में कहा कि जो लोग वीजे से जुड़े दस्तावेज और अन्य औपचारिकताओं को पूरा करते हैं, उन्हें जल्द से जल्द वीजा जारी किया जाता है। इस मामले में किसी तरह की देर नहीं की जा रही है।
बयान में कहा गया है कि नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग को इस बात का संज्ञान है कि पांच अगस्त (जिस दिन भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को वापस लिया था) के बाद ‘विशिष्ट मानवीय हालात’ पैदा हुए हैं और वीजा जारी करने में इसका ख्याल रखा जा रहा है।