भारत ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने का विधेयक पारित कर दिया है और जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छीन लिया है। रूस ने शनिवार को कहा कि “उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान क्षेत्र के हालातो में उत्तेजना को बढ़ावा नहीं देंगे।”
मोस्को के विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि “भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को सामान्य करने का रूस निरंतर समर्थक रहा है और उम्मीद जतायी कि दोनों पक्षों के बीच सभी मतभेद राजनीतिक और कूटनीतिक तरीको से सुलझा लिया जायेगा।”
बयान में कहा कि “दोनों पक्षों के बीच संबंधों में मतभेदों को कूटनीतिक और राजनीतिक तरीके से हल किया जायेगा और इसका आधार साल 1972 का शिमला समझौते और 1999 की लाहौर संधि के प्रावधानों के तहत होना चाहिए।” अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद भारत और पाकिस्तान के मध्य तनावों में काफी वृद्धि हुई थी।
उन्होंने कहा कि “हमें उम्मीद है कि इस मामले से जुड़े सभी पक्ष अपने निर्णयों से क्षेत्र के हालातो में उत्तेजना को बढ़ावा नहीं देंगे।” बीते दिन रामनाथ कोविंद ने इस विधेयक को कानून में तब्दील करने की मंज़ूरी दे दी थी। इस हफ्ते यह विधेयक दोनों सदनों में पारित किया जा चुका है।
31 अक्टूबर से जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो भिन्न केन्द्रशासित प्रदेश होंगे। इस निर्णय से बौखलाए हुए पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी द्विपक्षीय संबंधों को ख़त्म कर दिया था। नई दिल्ली के इस निर्णय पर इस्लामाबाद ने आपत्ति दर्ज की थी और इस कदम को ख़ारिज किया था और कहा कि इस कदम का विरोध करने का हर संभव प्रयास हम करेंगे।
इसके साथ ही द्विपक्षीय कारोबार पर भी बैन लगा दिया है। पाकिस्तान ने समझौता एक्सप्रेस के आवागमन को भी रोकने का फैसला किया है।