ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि “कश्मीर के विवाद का कोई सैन्य समाधान नहीं है और इसे भारत और पाकिस्तान को कूटनीतिक तरीके से हल करना चाहिए।” पाकिस्तानी प्रधानमन्त्री इमरान खान के साथ फ़ोन पर बातचीत में हसन रूहानी ने कहा कि “दोनों पड़ोसी मुल्कों को अधिकतम संयमता बरतनी चाहिए और कश्मीर की मासूम जनता की हत्याओं को रोकना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि “इस मामले पर विवाद उपमहाद्वीप में सभी देशों के लिए भय का कारण बनता जा रहा है।” वैश्विक नेताओं को अपने हक़ में करने के लिए इमरान खान ने हसन रूहानी को फ़ोन किया था। खान सभी वैश्विक नेताओं को भारत सरकार के आर्टिकल 370 को हटाने के निर्णय के खिलाफ करना चाहते हैं।
इससे पूर्व इमरान खान ने तुर्की के राष्ट्रपति रिचप तैयाब एर्दोगन और मलेशिया के प्रधानमन्त्री महातिर मोहम्मद को भी फ़ोन किया था। भारत के निर्णय के खिलाफ पाकिस्तान ने बौखलाहट में कई कदम उठाये हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों देशों के अधिकतम संयमता बरतने का आग्रह किया था साथ ही लाइन ऑफ़ कंट्रोल में शान्ति और स्थिरता को सुनिश्चित केरने का अनुरोध किया है।
पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी राजनयिक संबंधो को तोड़ दिया है। साथ ही द्विपक्षीय व्यापार को भी निलंबित कर दिया है। इसके जवाब में नई दिल्ली ने इस्लामाबाद से उसके फैसले की समीक्षा करने की गुजारिश की है।
पाकिस्तान ने अपने यहां भारतीय फिल्मों व ड्रामों के पाक में प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही द्विपक्षीय कारोबार पर भी बैन लगा दिया है। पाकिस्तान ने समझौता एक्सप्रेस के आवागमन को भी रोकने का फैसला किया है। बीते दिन पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत यदि अनुच्छेद-370 पर फैसला वापस लेता है तो हम दोबारा राजनयिक रिश्ता भी स्थापित कर लेंगे।