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    कश्मीर के मुद्दे पर मीनाक्षी लेखी का पाकिस्तान पर पलवार, कहा जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न अंग रहे हैं और रहेंगे

    विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने गुरुवार को कजाकिस्तान के अस्ताना में एशिया सीआईसीए में कश्मीर मुद्दे को उठाने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपने ही क्षेत्रों में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की ओर आंखें मूंद लीं है।

    लेखी ने कहा कि, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान ने एक बार फिर सीआईसीए मंच का झूठा और दुर्भावनापूर्ण प्रचार करने के लिए चुना है। लेखी ने कहा, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न अंग रहे हैं और रहेंगे।”

    उन्होंने कहा, पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। पाकिस्तान की आज की टिप्पणी भारत के आंतरिक मामलों, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता में घोर हस्तक्षेप है जो सितंबर 1999 के सीआईसीए सदस्य राज्यों के बीच सिद्धांतों के मार्गदर्शक संबंधों पर सीआईसीए घोषणा के साथ असंगत है।

    लेखी ने कहा, “पाकिस्तान आतंकवाद का वैश्विक केंद्र है और भारत सहित आतंकवादी गतिविधियों का स्रोत बना हुआ है। पाकिस्तान मानव विकास में कोई निवेश नहीं कर रहा है, लेकिन आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को बनाने और बनाए रखने के लिए अपने संसाधन उपलब्ध कराता है।” वहीं, भारत पाकिस्तान सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ सामान्य संबंध चाहता है।

    विदेश राज्य मंत्री ने कहा, पाकिस्तान को तुरंत भारत विरोधी सीमा पार आतंकवाद को रोकना चाहिए और आतंकवाद के अपने बुनियादी ढांचे को बंद करना चाहिए। 

    अल्पसंख्यक समुदायों के साथ निराशाजनक व्यवहार के अपने रिकॉर्ड के साथ, पाकिस्तान को विश्व समुदाय को व्याख्यान देने के बजाय अपने घर को व्यवस्थित करने की सलाह दी चाहिए। 

    उन्होंने कहा, यह एक ऐसा देश है जहां धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों को व्यवस्थित रूप से सताया जाता है।  मंत्री ने कहा, “पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों के पूजा स्थलों पर हमले और तोड़फोड़ की लगातार घटनाएं और पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों की नाबालिग लड़कियों के अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और शादी के अनगिनत मामले अल्पसंख्यकों की कमजोर स्थिति के प्रमाण हैं।”

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