जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने का मामला देश का आंतरिक मामला है। नई दिल्ली में भारत के राजदूत रिआद अब्बास ने कहा कि “विश्व में किसी भी मुल्क की सरकार को अपने नागरिको की रक्षा के लिए मनचाहे निर्णय लेने का अधिकार है।”
अब्बास ने कहा कि “अपनी सरजमीं पर अपने नागरिको की रक्षा के लिए मनचाहे निर्णय लेने का अधिकार दुनिया में सभी सरकारों को है। किसी भी सरकार को यह अधिकार है कि वह अपनी जनता की रक्षा के लिए बेहतरीन विकल्प की तलाश करे। यह एक अंदरूनी मामला है और किसी भी कार्रवाई में हम भारत के पक्ष के समर्थन में हैं।”
उत्तरी सीरिया में तुर्की की कार्रवाई पर भारत की स्थिति का राजदूत ने स्वागत किया है और कहा कि “उनका देश भारत के साथ संबंधो का विस्तार करने की तरफ देख रहा है जिसकी वैश्विक स्तर प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी जैसे नेता के नेतृत्व में आवाज काफी बुलंद है।”
अब्बास ने कहा कि “सीरिया की सरकार और हमारी जनता इस मामले पर भारत की स्थिति की सराहना करती है।” 10 अक्टूबर को भारत ने उत्तरी पूर्वी सीरिया में तुर्की की कार्रवाई पर गहरी चिंता व्यक्त की थी और कहा कि अंकारा की कार्रवाई क्षेत्र में अस्थिरता उत्पन्न कर देगी और इससे नागरिक व मानवीय तनाव उत्पन्न हो सकता है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि “उत्तरी पूर्वी सीरिया में तुर्की के एकतरफा आक्रमक सैन्य अभियान से हम बेहद चिंतित है। तुर्की की कार्रवाई क्षेत्र की स्थिरता को अनदेखा कर सकती है और यह कार्रवाई क्षेत्र में मानवीय और नागरिक अशांति उत्पन करने की क्षमता रखता है।”
नई दिल्ली ने तुर्की से अधिकतम संयमता बरतने की मांग की है। साथ ही सीरिया की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने का अनुरोध किया है। तुर्की ने बुधवार को उत्तरी पूर्वी इलाके में कुर्द सेना के ठिकानों पर सैन्य अभियान शुरू किया था।