अमेरिका ने कई देशो की तरफ से पाकिस्तान द्वारा सीमा पार गतिविधियों को बढाने की सम्भावना पर चिंता व्यक्त की है। इसका कारण नई द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करना था। पाकिस्तान इन चरमपंथी समूहों को बढ़ावा दे सकता है।
आतंकी गतिविधियों में होगी वृद्धि
इंडो पैसिफिक मामले के रक्षा उप सचिव रंडाल श्रीवर ने मंगलवार को कहा कि “मेरे ख्याल से चिंता यह है कि पाकिस्तान इन चरमपंथी समूहों को सीमा पार गतिविधियों में इजाफा करने के लिए बढ़ावा दे सकता है और इसका कारण भारत का जम्मू कश्मीर पर निर्णय है। मुझे नहीं लगता कि चीन ऐसे संघर्षो में समर्थन करने के इच्छुक है यह सहयोग करना चाहता है।”
उन्होंने कहा कि “चीन की पाकिस्तान के सतह एक लम्बे अरसे की दोस्ती है और वे भारत के साथ प्रतिद्वंदता कैने उभरे हैं। इसलिए मेरे ख्याल से कश्मीर सहित कई मसलो पर चीन का पाकिस्तान की तरफ झुकाव अधिक है। चीन अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान का समर्थन करता है। चाहे यूएन में कश्मीर पर चर्चा हुई हो या नहीं, चीन हमेशा उउसके समर्थन में रहता।”
पाकिस्तान और चीन एक दुसरे के दुःख-सुख के हमदर्द माने जाते हैं और पाकिस्तान का चीन रक्षा उपकरण मुहैया करने का मुख्य स्त्रोत है। इमरान खान की यात्रा के दौरान चीन ने आर्थिक मदद करने के लिए भी रजामंदी दी थी। भारत ने 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छीन लिया था और इसके बाद दोनों देशो के बीच शब्दों की जंग जारी है।
इस्लामाबाद ने भारत के साथ सबही व्यापारिक संबंधो को तोड़ दिया था और इस मामले को यूएन सुरक्षा परिषद् में उठाने को कहा था। साथ ही यूएन मानवाधिकार परिषद् और अंतरराष्ट्रीय न्यायिक अदालत में इस मामले को ले जाने की धमकी दी थी।