भारत ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर, राज्य को दो केन्द्रशासित प्रदेशो में विभाजित कर दिया था। इसकी बौखलाहट में पाकिस्तान कश्मीर पर नए पैंतरों को आजमा रहा है। पाकिस्तान ने पीओके के मुज्ज़फराबाद में कश्मीर से कथित एकजुटता को दिखाने के लिए भव्य जसले अक आयोजन किया है।
पीओके में होगा भव्य जलसा
पाकिस्तान के प्रधनामंत्री इमरान खान ने 11 सितम्बर को ऐलान किया था कि “वह पीओके में एक भव्य जलसे का आयोजन करेंगे ताकि विश्व को जम्मू कश्मीर में जारी अतिक्रमण के बारे में मालूम हो और यह दिखाया जा सके कि पाकिस्तान कश्मीरियों के साथ खड़ा है।”
भारत के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी के लिए इमरान खान की पसंदीदा जगह सोशल मीडिया साईट ट्वीटर बनता जा रहा है। पीओके में मानव अधिकारों के उल्लंघन के बाबत सुरक्षा कर्मियों और नागरिको के बीच संघर्ष का माहौल बना हुआ है।
30 अगस्त को इमरान खान ने पाकिस्तानी नागरिको से कश्मीरियों के साथ एकजुटता को दिखाने के लिए सड़को पर उतरने का अनुरोध किया था हालाँकि अपने इस मंसूबे में वह नाकामयाब साबित हुए हैं। पाकिस्तान की सरकार सोच्स्चूल के बच्चों से कश्मीर की जनता के समर्थन में प्रदर्शन करवाने के लिए उत्सुक है।
यूएन में पाक को मात
पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में कश्मीर का मुद्दा उठाया था और भारत के खिलाफ विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भाषण दिया था। अलबत्ता, यूएनएचआरसी में भारतीय प्रतिनिधियों के हाथ से भी पाकिस्तान को शिकस्त मिली थी। अनुच्छेद 370 को हटाने का पाकिस्तान ने कड़ा विरोध किया था लेकिन ने भारत ने स्पष्ट कहा कि यह नई दिल्ली का आंतरिक मामला है और किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
यूएन में कुरैशी के संबोधन के दौरान मुख्यालय के बाहर पाकिस्तान के मानव अधिकारों की दयनीय स्थिति कोलेकर प्रदर्शन किया जा रहा था।
पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान ने गुरूवार को दावा किया कि “मानव अधिकार परिषद् में पाकिस्तान का 58 देशो ने समर्थन किया है कि भारत को कश्मीरियों के अधिकार के संरक्षण और पाबंदियों को हटाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने मांग की है।”