पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री ब्रिग इजाद अहमद शाह ने कबूल किया कि पाकिस्तान कश्मीर मामले पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन हासिल करने में नाकाम हुआ है। देश की छवि बिगाड़ने के लिए शाह ने खान सहित पाकिस्तान के सत्ताधारी एलिट पर इसका आरोप लगाया है।
उन्होंने बुधवार को हम न्यूज़ में कहा कि “वैश्विक समुदाय मे लोग हम पर विश्वास नहीं करते हैं। हम कहते हैं कि भारत ने कर्फ्यू लगा रखा है और जम्मू कश्मीर के लोगो को दवाइयां नहीं दे रहे हैं। लोग हम पर यकीन नहीं करते हैं लेकिन उन पर करते हैं। इस मुल्क के रूलिंग इलीट इसका नाम मिट्टी में मिला रहे हैं। लोग सोचते हैं कि हम एक गंभीर राष्ट्र नहीं है।
खान, बेनजीर भुट्टो, परवेज मुशर्रफ और अन्यो को रूलिंग एलिट कहते हुए पूर्व ख़ुफ़िया विभाग के प्रमुख ने कहा कि “सब कुछ संभव है। पाकिस्तान को अब रूह को टटोलना चाहिए।” कश्मीर मामले का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने में पाकिस्तान को मुंह की ही खानी पड़ी है।
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान खुद को अलग थलग महसूस कर रहा था। अमेरिका, रूस और फ्रांस सहित कई राष्ट्रों ने भारत का पक्ष लिया है और इसे भारत का आंतरिक मामला कहा है। पाकिस्तान ने वैश्विक समर्थन हासिल करने के लिए कई देशो से मदद की अपील की थी।
पाकिस्तान ने भारत के सतह तनाव को कम करने के लिए द्विपक्षीय बातचीत की पेशकश की थी लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के वार्ता तभी संभव है जब इस्लामाबाद आतंकवाद के प्रायोजक करना बंद कर दे।
पाकिस्तान ने मंगलवार को दावा किया कि भारत ने पाकिस्तान को इस ग्रह में सबसे बड़े पिंजराबंद जेल में परिवर्तित कर दिया है। अनुच्छेद 370 को हटाया और मानव अधिकारों को बेदर्दी के साथ रौंद दिया गया है। कुरैशी ने कहा कि “बीते छह हफ्तों से भारत ने जम्मू कश्मीर को इस गृह के सबसे बड़े जेल में बदल दिया है जहां मूल जरूरतों तक पंहुच नहीं है और संपर्क नहीं बना है।”
पाकिस्तान के प्रोपोगेन्डा को खारिज करते हुए भारत ने कहा कि “अपने क्षेत्रीय इरादों को पाने की लालसा में ऐसे बेतुके कार्य किये जा रहे हैं और इस्लामाबाद का उन्माद बयान झूठे और मनगढ़ंत है, जिसका मकसद मंच का राजनीतिकरण और ध्रुवीकरण करना है।”