अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को कहा कि “भारत और पाकिस्तान के अभी कश्मीर पर बेहद विपरीत विचार है और उन्होंने आश्वासन दिया कि दो पड़ोसी मुल्को के बीच इस मामले को सुलझाने के लिए हर मुमकिन कोशिश करेंगे।”
व्हाइट हाउस में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान उन्होंने कहा कि “हमने भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ कश्मीर के बारे में बातचीत की है। मैंने मध्यस्थता का प्रस्ताव दिया था। मैं जो कर सकता हूँ मैं करूँगा क्योंकि अभी उनके बेहद विपरीत विचार है और उम्मीद है कि यह बेहतर हो जायेंगे।”
सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान के साथ मुलाकात के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प ने कश्मीर पर मध्यस्थता का प्रस्ताव दिया था। राष्ट्रपति ने कहा था कि अगर भारत और पाकिस्तान दोनों रजामंद है तो मैं मध्यस्थता के लिए तैयार, इच्छुक और सक्षम हूँ।”
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “अगर मैं मदद कर सकता हूँ तो मैं निश्चित ही यह करूँगा। यह इन दोनों सज्जनों पीएम मोदी और इमरान खान पर निर्भर करता है। अगर भारत और पाकिस्तान वास्तविकता में चाहते हैं तो मैं जरुर मदद करना चाहूँगा। यह एक जटिल मसला है लेकिन अगर दोनों यही चाहते हैं मैं ऐसा जरुर करना चाहूँगा।”
जुलाई में भी इमरान खान के साथ प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने ऐसी ही भावनाओं को व्यक्त किया था। भारत ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने का निर्णय लिया था और इसके बाद दोनों देशो के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। पाकिस्तान ने भारत के साथ आंशिक तौर पर राजनयिक संबंधों को तोड़ दिया था।
पाकिस्तान कश्मीर मामले का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने का भरसक प्रयास का रहा है और यूएन में संबोधन के दौरान भी वह इस मामले को उठाएंगे। पीएम मोदी ने डोनाल्ड ट्रम्प को बताया कि बीते 30 वर्षो से आतंकवादी हमले में 42000 लोगो की मृत्यु हुई है और अब वैश्विक समुदाय को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने के लिए यह वजह काफी है।”
भारत ने अपनी अपनी स्थिति को कायम रखा है कि जम्मू कह्स्मिर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करना भारत क आंतरिक मामला है और किसी तीसरे पक्ष की दखलंदाज़ी को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।