भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि “प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को भारत और पाकिस्तान के बीच तीसरे पक्ष के तौर पर मध्यस्थता करने का कोई आमंत्रण नहीं दिया था।” अमेरिका के दावे के बाद देश में एक नए विवाद ने जन्म ले लिया है।
पीएम ने कोई आग्रह नहीं किया था
मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, जयशंकर ने बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच सभी विवादित मामलो पर द्विपक्षीय वार्ता के जरिये ही चर्चा की जाएगी। राज्य सभा को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि “मैं निसंदेह यह कहना चाहूँगा कि प्रधानमन्त्री ने अमेरिका के राष्ट्रपति से ऐसा कोई भी आग्रह नहीं किया था। संसद में विपक्षी सियासी दलों ने इस मुद्दे को उठाया था।”
केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावेडकर ने विपक्ष के हंगामे को कम करने की कोशिश की थी, जिन्होंने मोदी को गैर जिम्मेदार करार दिया था। उन्होंने कहा कि “जिस तरीके से विपक्ष ने विरोध किया और अराजकता फैलाई, ट्रम्प के बयान पर पीएम के स्पष्टीकरण को गैर जिम्मेदाराना बताया। जबकि अमेरिका की सरकार भी अपने राष्ट्रपति के दावे को ख़ारिज कर रही है।”
राज्य सभा के सांसदों ने नारेबाजी करना शुरू कर दिया था और प्रधानमन्त्री जवाब दो, जवाब दो, जवाब दो के नारे लगाये थे और सदन में बेहद अव्यवस्थित माहौल बन गया था। राज्यसभा को दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिया है।
Rajya Sabha has been adjourned till 12 PM following an uproar by the Opposition over the statement of US President Donald Trump that Prime Minister Narendra Modi had asked him to mediate in Kashmir issue. pic.twitter.com/Zmb9bLwEpZ
— ANI (@ANI) July 23, 2019
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद ने एक मीडिया कांफ्रेंस में डोनाल्ड ट्रम्प के बयान को ख़ारिज किया है और नई दिल्ली के कश्मीर मामले पर द्विपक्षीय स्थिति को दोहराया है। उन्होंने कहा कि “इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि पूर्व में केंद्र में कौन सी सरकार थी लेकिन हमारी विदेश नीति में कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा रहा है और कोई भी तीसरा पक्ष इसमें दखल नहीं दे सकता है।”
उन्होंने कहा कि “इसमें कोई संदेह नहीं है और प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी से कोई भी सवाल नहीं करना चाहिए। मुझे निजी तौर पर नहीं लगता कि डोनाल्ड ट्रम्प पाकिस्तान के इमरान खान को बतायेंगे कि मोदी ने अमेरिका से कश्मीर मसले पर मध्यस्थता करने का आग्रह किया था।”
Being the most affected party people of #Kashmir want an early resolution to the lingering Kashmir conflict. Been urging for dialogue at all levels.Every effort, pushing India and Pakistan in that direction @POTUS is welcome by the people of J&K.
— Mirwaiz Umar Farooq (@MirwaizKashmir) July 23, 2019
भारत ने अमेरिका के राज्य विभाग के समक्ष ट्रम्प के कश्मीर मामले पर विवादित बयान को लेकर विरोध व्यक्त किया है। हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मिरवैज़ उम्र फारुख ने कहा कि “अमेरिका के राष्ट्रपति की दखलंदाज़ी का जम्मू-कश्मीर की जनता स्वागत करती है।”