जम्मू-कश्मीर राज्य में बीजेपी के साथ सत्ता में रह चुकी, राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने सोमवार को कहा, की उनकी पार्टी(पीडीपी) राज्य में होनेवाले नगर निगम और पंचायत चुनावों का बहिष्कार करेगी। बहिष्कार करने के पीछे उन्होंने राज्य में भय के वातावरण को जिम्मेदार बताया।
पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती के श्रीनगर स्थित घर में पार्टी के वरिष्ट नेताओं के हई बैठक के बाद, पार्टी की ओर से यह बयान जारी किया गया हैं।
“राज्य में होनेवाले चुनावों को और सुप्रीमकोर्ट में चल रहे आर्टिकल 37A की सुनवाई को एक साथ(राजनीतिक दलों द्वारा) जोड़े जाने की वजह से राज्य की जनता इस घटना को राज्य के विशेष दर्जे पर किए जा रहे हमले के रूप में देखती हैं।”
“ऐसे भयावह और चिंताजनक परिस्थितियों में राज्य में चुनाव कराए जाना, चुनाव की प्रक्रिया एवं निष्पक्षता पर प्रश्न उपस्थित जरुर करेगा।”
भारतीय संविधान का आर्टिकल 35A के अंतर्गत जम्मू कश्मीर विधिमंडल(विधानसभा और विधानपरिषद) को पूर्ण स्वायतता देता हैं, की वे राज्य के मूल निवासियों को परिभाषित कर सकें। भारतीय उच्चतम न्यायलय में इस आर्टिकल के विषय में सुनवाई चालू हैं, जिसकी अगली सुनवाई संविधान पीठ, जनवरी 2019 में करेगा।
जम्मू और कश्मीर में लंबित पंचायत और नगर निगम चुनावों के मद्देनजर तत्कालीन जम्मू-कश्मीर सरकार ने उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया था की चुनाव होने तक कार्यवाही को स्थगित किया जाए। जिसे सुप्रीमकोर्ट की संविधान पीठ ने मान लिया था।
अपने चुनावों पर बहिष्कार करने के निर्णय के बाद, महबूबा मुफ़्ती ने राज्य सरकार से अनुरोध किया हैं। की वे चुनाव कराने के विषय में पुनर्विचार करें। आपको बतादे, नेशनल कांफ्रेंस ओर से भी चुनावों को बहिष्कृत कर दिया गया हैं। इसका मतलब, नगर निगम और पंचायत चुनावों में पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस की ओर से हिस्सा नहीं लिया जाएगा।
बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में चुनावो में हिस्सा लेने का निर्णय लिया गया हैं। कांग्रेस की ओर से बुधवार को दिल्ली के पार्टी मुख्यालय में इस विषय में बैठक होनी हैं। आपको बतादे, जम्मू-कश्मीर में नगर निगम और पंचायत के लिए चुनाव 1 अक्टुबर से नवम्बर के पहले हफ्ते के बीच कराए जाना तय हैं।