पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान ने शुक्रवार को अबू धाबी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायेद अल नहयान को कश्मीर मामले पर समर्थन के लिए कॉल किया था। हाल ही में यूएई ने प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा था।
पाकिस्तानी प्रधानमन्त्री के दफ्तर ने बयान में कहा कि “खान ने अल नहयान को कश्मीर की स्थिति पर चर्चा के लिए कॉल किया था” भारत द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने पर पाकिस्तान सदमे से बाहर नहीं निकल सका है और इसका अंतर्राष्ट्रीयकरण करने में जुटा हुआ है।
बहरहाल, वैश्विक स्तर पर इस मुद्दे पर पाकिस्तान खुद को अलग थलग देख रहा है। सार्क देशो के सदस्य ने भी कश्मीर मामले को भारत का अंदरूनी मामला करार दिया था। हाल ही में नरेंद्र मोदी ने यूएई की यात्रा की थी और उन्हें वहां सर्विच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया था।
इस्लामाबाद ने यूएई के इस कदम की आलोचना की थी और उसके सीनेट के चेयरमैन सादिक संज्रानी ने यूएई की यात्रा से पूर्व प्रदर्शन का विकल्प दिया था। यूएई इस्लामिक सहयोग सगठन का पहला सदस्य है जिसने कश्मीर मामले पर भारत का समर्थन किया है।
यूएई ने कहा कि यह नई दिल्ली का आंतरिक मामला है। डॉन न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुरैशी ने कहा कि “अमेरिका कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को इच्छुक था, लेकिन नई दिल्ली वाशिंगटन की मध्यस्थता को स्वीकार करने को तैयार नहीं हुई थी।”
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि “उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार आयोग को एक पत्र लिखा, जिसमें क्षेत्र में स्थिति को देखने और मानवाधिकारों के उल्लंघन पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए अपने राजदूतों को कश्मीर भेजने का आग्रह किया है।”