पाकिस्तान ने कहा कि “भारतीय संविधान से कश्मीर की धारा 370 को हटाना हम स्वीकार नहीं करेंगे, यह संयुक्त राष्ट्र के नियमों का उल्लंघन है।” पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि “जम्मू कश्मीर से सम्बंधित धारा 370 एक स्थायी प्रावधान है और संविधान के कई प्रावधानों के तहत संसद को उन विषयो पर बनाने से रोकती है जो केंद्रीय या समवर्ती सूची के तहत आते हैं।”
धारा 370 को भारतीय संविधान से हटाने पर पाक विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि “यह सरासर यूएन केनियमो का उल्लंघन होगा। हम इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करेंगे और न ही कश्मीर की जनता इसे स्वीकार करेगी।”
भाजपा के वरिष्ठ नेता कश्मीर से धारा 370 को हटाना अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता बताते हैं। मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि “हम सदैव धारा 370 को हटाने के पक्ष में रहेंगे लेकिन राज्य सभा में बहुमत न होने के कारण हम यह नहीं कर पा रहे हैं।”
अमित शाह के बयान पर जम्मू कश्मीर के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। नेशनल कांफ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्लाह ने कहा कि “जब देश आज़ाद हुआ था, तब संविधान का निर्माण किया गया था तब कुछ प्रावधान रखें गए थे जो राज्य की पहचान को सुरक्षित रखेंगे।”
उन्होंने कहा कि “इसमें धारा 370 और 35 ए भी शुमार है। अफ़सोस, कुछ नेताओं ने अपने राजनीतिक फायदों के लिए धारा 370 को खोखला बना दिया है।”
नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्लाह ने कहा कि “अगर धारा 370 को निरस्त किया गया तो राज्य और नई दिल्ली के सम्बन्ध यही खत्म हो जायेंगे।”
आर्टिकल 370
धारा 370 के तहत जम्मू कश्मीर राज्य को संविधान में एक विशेष राज्य का दर्जा दे रखा है। इस प्रावधान के तहत संसद को केवल रक्षा, विदेश और संचार से सम्बंधित मामलो में कानून बनाने का अधिकार है। हालाँकि अन्य किसी भी प्रकार के कानून को लागू करने के लिए केंद्र सरकार को राज्य सरकार की अनुमति चाहिए होती है। जम्मू संविधान को राष्ट्रपति भंग नहीं कर सकता है। उन पर धारा 356 भी लागू नहीं होती है।