केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू एवं कश्मीर में हिरासत में लिए गए राजनीतिक नेताओं को रिहा करने की कोई समय सीमा बताने से बुधवार को इंकार कर दिया। गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने राज्यसभा में कहा कि जानकारी मिली है कि जम्मू एवं कश्मीर में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने, पत्थरबाजी करने और सुरक्षा बलों पर हमले करने के लिए सीमापार से हवाला के जरिए अवैध धन भेजा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जांच में खुलासा हुआ है कि हुर्रियत का हिस्सा रहे कई संगठन और कार्यकर्ता घाटी में पत्थरबाजी की घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अब तक टेरर फंडिंग मामले में 18 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है।
जम्मू एवं कश्मीर सरकार ने रिपोर्ट दी है कि कश्मीर घाटी में शांतिभंग, राज्य की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के लिए हानिकारक गतिविधियों जैसे आपराधिक कृत्यों पर रोक लगाने के लिए चार अगस्त से पत्थरबाजों, सक्रिय कार्यकर्ताओं, अलगाववादियों और अन्य समेत कुल 5,161 लोगों को एहतियातन हिरासत में रखा गया है।
उन्होंने कहा कि इनमें से 609 लोगों को एहतियातन हिरासत में रखा गया है। चूंकि इन लोगों को संबंधित मजिस्ट्रेटों ने प्रत्येक मामले की संतोषजनक जांच के आधार पर वैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत हिरासत में लिया है, तो सरकार के लिए इनकी रिहाई का कोई समय बता पाना संभव नहीं है।