कर्नाटक के शिवमोग्गा (Shivmogga) में रविवार रात 26 वर्षीय युवक हर्ष (Harsha) की हत्या के बाद जिले तनाव का माहौल व्याप्त है। कई जगहों पर आगजनी जैसी घटनाएं भी हुईं हैं।
शहर में तनाव को देखते हुए सुरक्षा चाक चौबंद कर दी गई है और स्थानीय प्रशासन के आदेश पर स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। शहर में धारा 144 भी लागू कर दिया गया है।
जानिए क्या है पूरा मामला…
कर्नाटक के शिवमोग्गा (Shivmogga) जिले में 26 वर्षीय युवक हर्ष की रविवार रात कुछ लोगों ने चाकू जैसे धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी। हर्ष हिन्दू संगठन बजरंग दल का कार्यकर्ता बताया जा रहा है और कथित तौर पर उसने कर्नाटक में चल रहे हिज़ाब विवाद से जुड़ा पोस्ट सोशल मीडिया पर लिखा था जिसके बाद उसकी हत्या की गई।
हालाँकि इस मामले के पीछे असली वजह क्या है, पुलिस अभी इसकी जाँच कर रही है और पुख्ता रूप से कुछ भी कहना कि इस हत्या के पीछे असली वजह क्या है, जल्दबाजी होगी।
पुलिस कर रही है मामले (Shivmogga Murder Case) की जाँच
पुलिस ने उन खबरों का खंडन किया है जिसमें यह कहा जा रहा है कि दर्जी के रूप में काम करने वाला युवक हर्ष की हत्या कर्नाटक में चल रहे हिज़ाब विवाद से जुड़ी हुई है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि हर्ष अपने हत्यारों को जानता था इसलिए हत्या की वजह कोई पुरानी रंजिश भी हो सकती है।
पुलिस के प्रारंभिक जाँच में युवक हर्ष की पहचान बजरंग दल के “सहकार्यदर्शी (समन्वयक)” के रूप में की गई है। युवक पेशे से दर्जी का काम करता था।
राजनीति भी है शुरू..
अपने एक विवादित बयान से अभी चर्चा में आये कर्नाटक के पंचायती राज मंत्री के एस ईश्वरप्पा (K S Eshwarappa) ने कर्नाटक राज्य के कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) पर ऐसी घटनाओं को उकसाने का आरोप लगाते हुए कहा कि “मुस्लिम गुंडों ने उसकी (हर्ष की) हत्या की है। डीके शिवकुमार ने हिज़ाब मामले पर अपनी टिप्पणियों से ऐसी घटनाओं को उकसाने का काम किया है।”
इस आरोप का जवाब देने में श्री शिवकुमार ने कहा कि वह (ईश्वरप्पा) एक “पागल व्यक्ति”हैं। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सिद्धारमैया (Siddharamaiyya) ने कहा – “उनके (ईश्वरप्पा) के दिमाग और जीभ का आपस मे कोई तालमेल नहीं है। बीजेपी नेतृत्व द्वारा उन्हें (ईश्वरप्पा) को उनके पद से हटा देना चाहिए।”
कथित तौर पर हिज़ाब मामले से जुड़ा है मामला
स्थानीय सूत्रों को माने तो मामला पुलिस के दावे से उलट जान पड़ती है। बताया जा रहा है कि जिस युवक की हत्या हुई है, उसने फेसबुक पर हिज़ाब विवाद से जुड़ा कोई पोस्ट शेयर किया था। वह बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेता था।
फेसबुक पोस्ट के बाद से ही उसे फोन पर लगतार धमकियां दी जा रही थीं। जिसके बाद रविवार रात 9 बजे के करीब तेज धारदार हथियार से हमला हुआ। चिकित्सा हेतु अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसने दम तोड़ दिया।
आज जब पोस्टमार्टम के बाद उसके पार्थिव शरीर को अस्पताल से उसके घर तक ले जाया गया तो उसके पीछे पीछे भगवा ध्वज और नारों के साथ हिंदूवादी संगठनों से जुड़े लोग हज़ारों के तादाद में शव-वाहन के साथ चल रहे थे। इस दौरान पुलिस की भारी सुरक्षा तैनात थी ताकि हालात किसी भी सूरत ने बिगड़े न जाए।
कर्नाटक हिज़ाब विवाद देखते ही देखते इस तरह विकराल रूप धारण कर लेगा, निश्चित ही यह किसी ने सोचा नहीं था। उधर इस मामले पर हाईकोर्ट में लगातार सुनवाई चल रही है; इधर सड़कों पर।लगातार धरने और प्रदर्शन चल रहा है। स्कूल कॉलेज सब बंद है। अचानक से साम्प्रदायिकता समाजिक सौहार्द को अपना ग्रास बना रही है। ऐसे में ऐसी हत्याएं आग में घी का काम कर रही है।
कोर्ट इस मामले पर क्या निर्णय लेगी यह बड़ा ही महत्वपूर्ण होगा। उसके बाद कानूनी व्यवस्था ख़राब भी हो सकती है, इसलिए सरकार को अभी से सतर्क और सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर लेना चाहिए।