विधानसभा से शक्ति परिक्षण से पहले मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया हैं। माननीय सर्वोच्च न्यायलय के आदेश को मानते हुए शनिवार को कर्नाटक की विधानसभा में भाजपा को अपना बहुमत साबित करना था, मगर बहुमत साबित करने से कुछ समय पहले ही तिसरी बार मुख्यमंत्री बने बी एस येदियुरप्पा अपना इस्तीफा राज्यपाल वजुभाई वाला को सोंप दिया। जिससे बी एस येदियुरप्पा सरकार का कार्यकाल सिर्फ दो दिन तक रहा और कांग्रेस – जनता दल सेक्युलर के लिए सरकार बनाने की मुश्किले दूर हो गयी हैं।
अपने इस्तीफे से पूर्व विधानसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कहा, “अगर जनता हमें 104 की जगह 113 सीटें देती तो कर्नाटक का सर्वतोपरी विकास करते, मगर हम जनता के फैसले का सम्मान करते हैं”। कांग्रेस और जेडीएस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा “जो लोग चुनाव से पहले एक-दुसरे को गालियाँ देते थे, वही लोग आज गठबंधन की सरकार बना रहे हैं”।
त्रिशंकु विधानसभा में भाजपा को 104 सीटें ही मिल पाई, जबकि सरकार बनाने के लिए 112 सीटों की आवश्यकता हैं। त्रिशंकु विधानसभा की परिस्थिति में किस पार्टी को पहले बुलाया जाए यह आधिकार पूर्णतः राज्यपाल के आधीन हैं, लेकिन इस विषय में केंद्र सरकार द्वारा गठित सरकारिया आयोग की शिफरिसों को मानते हुए, राज्यपाल वजुभाई वाला ने सबसे बडी पार्टी भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था और उन्हें विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने के लिए 15 दिन का समय दिया था।
राज्यपाल के इस निर्णय को कांग्रेस और जेडीएस की तरफ से सर्वोच्च न्यायलय में चुनौती दी गयी थी, अपने निर्णय में अदालत ने बी एस येदियुरप्पा के शपथग्रहण पर रोक लगाने से इन्कार किया था और गठित सरकार को विधानसभा में अपना बहुमत स्पष्ट करने के आदेश दिए थे।
कर्नाटक चुनाव में खेला गया आरोप-प्रत्यारोप का खेल देश ने देखा, मुख्यमंत्री सिद्धरामैय्या का लिंगायत को अगल धर्म का दर्जा देने का कार्ड भी चुनाव में कांग्रेस की मदत नहीं कर पाया। चुनावी नतीजों के बाद किसी भी पार्टी के पास सरकार बनाने योग्य 112 सीटें नहीं थी। सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाने का दावा किया था और राज्यपाल वजुभाई वाला ने बी एस येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता दिया था।
मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के इस्तीफे को मंजूर करने के बाद कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौडा के बेटे एच डी कुमारस्वामी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। शनिवार को विधानसभा के सत्र के अंत में कुमारस्वामी और अन्य नेता राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे, वहां कुमारस्वामी ने 116 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सोंपा।
कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन वाली सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में एच डी कुमारस्वामी बुधवार को शपथ लेंगे। इससे पूर्व उनका सोमवार 21 मई को शपथ लेना तय था, मग पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के पुण्यतिथि के कारन शपथविधी का कार्यक्रम बुधवार को कराया जाएगा।
बी एस येदियुरप्पा मानते है की आने वाले चुनाव में वे पूर्ण बहुमत प्राप्त कर लेंगे और मुख्यमंत्री के रूप में फिरसे शपथ लेंगे।