बेंगलुरू, 13 मई (आईएएनएस)| कर्नाटक में सत्तारूढ़ गठबंधन के वरिष्ठ नेताओं जनता दल सेक्युलर (जद-एस) के ए. एच. विश्वनाथ व कांग्रेस के सिद्धारमैया लोकसभा चुनाव परिणामों से पहले जुबानी जंग में जुटे हैं।
कर्नाटक में 18 अप्रैल व 23 अप्रैल को मतदान हुआ और नतीजे 23 मई को आने हैं।
जद (एस) नेता व शिक्षा मंत्री जी.टी.देवेगौड़ा ने सोमवार को मैसुरु में कहा, “कांग्रेस के मंत्रियों व विधायकों के एक वर्ग द्वारा सिद्धारमैया को फिर से मुख्यमंत्री के तौर पर देखने की बात कहने के बाद विश्वनाथ व सिद्धारमैया के बीच आरोप व प्रत्यारोप का दौर चला जिससे बचा जा सकता था।”
मीडिया को विश्वनाथ की सिद्धारमैया पर टिप्पणी को गंभीरता से नहीं लेने व इसे राजनीतिक ट्विस्ट नहीं देने की सलाह देते हुए गौड़ा ने कहा कि सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाने की कोई बात ही नहीं हो सकती है क्योंकि जद (एस) के एच. डी. कुमारस्वामी गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री हैं और यह पद खाली नहीं है।
गौड़ा ने कहा, “मैं दोनों नेताओं के प्रति आदर रखता हूं। चाहे जो भी उकसावा हो, विश्वनाथ को सिद्धारमैया के खिलाफ टिप्पणी नहीं करनी चाहिए क्योंकि कुमारस्वामी के मुख्यमंत्री के रूप में बने रहने को कोई खतरा नहीं है।”
विश्वनाथ जद (एस) की राज्य इकाई के प्रमुख हैं। वह कृष्णाराजनगर के विधायक हैं। वह एक साल पहले कांग्रेस छोड़कर जद (एस) में शामिल हुए थे।
सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की आलोचना करते हुए विश्वनाथ ने रविवार को मैसुरु में कहा कि उनके (सिद्धारमैया) मई 2023 के अगले विधानसभा चुनाव से पहले सत्ता संभालने की कोई गुंजाइश नहीं है।
जवाब में सिद्धारमैया ने कहा कि गठबंधन धर्म के कारण वह इस पर कुछ बोल नहीं रहे हैं। विश्वनाथ गैरजिम्मेदाराना तरीके से बोल रहे हैं। ऐसे भड़काने वाले बयान देने की उनकी आदत रही है। भगवान उन्हें सद्बुद्धि दे।