पाकिस्तान में एक और ‘लापता’ हिंदू युवती के ‘स्वेच्छा से इस्लाम धर्म अपनाने’ का मामला सामना आया है। यह घटना भी जबरन धर्म परिवर्तन के लिए बदनाम सिंध प्रांत के घोटकी जिले में हुई है। ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 22 वर्षीय महक केसवानी कराची की डिफेंस हाउसिंग अथॉरिटी से बीते शुक्रवार को लापता हो गई थी।
उसने इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया है। अखबार ने बताया है कि एक वीडियो में महक को इस्लाम स्वीकार करने के लिए कलमा पढ़ते देखा जा सकता है। इसमें महक कह रही है कि वह किसी के दबाव में नहीं है, न ही उसे किसी ने बंधक बनाया, वह स्वेच्छा से इस्लाम कबूल कर रही है।
यह वीडियो सिंधी और उर्दू भाषा में है।
महक ने इसमें कहा है कि उसका नया नाम महक फातिमा है। वह घोटकी जिले के धराकी में स्थित दरगाह भरचूंदी शरीफ गई जहां मियां जावेद नाम के व्यक्ति ने उसे इस्लाम धर्म में शामिल करने की रस्में पूरी कीं।
इस दरगाह का पीर मियां मिट्ठू है जो हिंदू लड़कियों के धर्म परिवर्तन के लिए कुख्यात है। वह मियां जावेद का मामा है।
मियां मिट्ठू ने ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ से कहा कि महक, मोहम्मद अशर नाम के एक स्थानीय युवक के साथ रविवार को उसके गांव आई।
मियां मिट्ठू ने कहा, “उसने स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन किया, किसी ने उसे इसके लिए बाध्य नहीं किया। दंपति अब पंजाब चले गए हैं। मुझे अभी पता चला है कि दोनों सहपाठी हैं। दोनों, लड़का और लड़की बुद्धिमान हैं।”
उसने कहा कि जो कोई भी ‘स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन के लिए’ उसके घर पहुंचता है तो वह और उसके घरवाले इस काम में मदद करते हैं।
महक के घरवालों ने 13 दिसंबर को कराची के डिफेंस पुलिस स्टेशन में उसकी गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था।
महक के मामा डॉक्टर श्रीचंद ने कहा, “वह कुछ दिन हमारे साथ रही थी। पुलिस ने तत्परता नहीं दिखाई। हमें नहीं पता कि वह कहां है। उसे अगवा किया गया है लेकिन हमें अभी तक कोई फोन काल नहीं आई है।”
रिपोर्ट में कहा गया है कि श्रीचंद ने इस बात को माना कि महक और अशर दोस्त है। उन्होंने कहा, “दोनों सहपाठी हैं। हमने अशर के घरवालों से संपर्क किया लेकिन उन्हें भी अशर के बारे में कुछ पता नहीं है।”