पाकिस्तान में धार्मिक असहिष्णुता का एक और मामला सामने आया है। पाकिस्तान की वित्तीय राजधानी कराची के विभिन्न इलाको में नोटिस लगा हुआ है और यहाँ लोगो से गैर मुस्लिमो को संपत्ति को बेचने या किराये पर देने की किसी को भी इजाजत नहीं है।
कार्यकर्ता कपिल देव ने ट्वीट कर कहा कि “अगर आप गैर मुस्लिम है तो आपको कराची के रिहायशी इलाके में फ्लैट या घर नहीं खरीद सकते हैं। यह खालिक उज़ ज़मान रोड पर मचियारा रेजीडेंसी है, ब्लॉक 8 क्लिफ्टन, कराची इलाका है।”
आवासीय कॉलोनियो और कराची के भीतर कई इलाको में उर्दू में नोटिस चस्पा कर रखे हैं। ट्वीटर युजर ने कपिल देव के पोस्ट का रिप्लाई करते हुए कहा कि “मैं 2018 में कराची में एक फ्लैट देख रहा था। यहाँ पर 20 से अधिक इमारते हैं जहां इस तरीके के नोटिस और नियमो को चिपका रखा था कि आप एक गैर मुस्लिम को अपना फ्लैट नहीं बेच सकते हैं। बल्कि बहादुरगढ़ के हर एक फ्लैट के लिए ऐसे ही नियम है। विशेषकर जाम जाम आवासीय मालिकों के लिए यह नियम है।”
पाकिस्तान में अल्पसंख्यको की स्थिति बेहद दयनीय होती जा रही है। पाकिस्तान का प्रशासन और साथी नागरिक हमेशा दुर्व्यवहार और अन्याय करते हैं। पाकिस्तान के प्रशासन में हमेशा धार्मिक, संजातीय, सांस्कृतिक और नस्लीय भेदभाव होता है।
अल्पसंख्यको की स्थिति के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की आलोचना की गयी थी। पाकिस्तानी हिन्दू, ईसाई, सिख, अहमदिया और शिया अल्पसंख्यको पर सबसे ज्यादा अत्याचार किये जाते हैं। हल ही में पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इन्साफ के पूर्व सांसद ने भारत में राजनीतिक शरण की मांग की थी।
खैबर पख्तुन्वा से बलदेव कुमार और उनका परिवार इस महीने की शुरुआत में भारत आये थे और राजनीतिक शरण के लिए आग्रह किया था। बीते महीने अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने पाकिस्तान और चीन में धार्मिक आजादी को कुचलने के के मामले को उठाया था।
पाकिस्तान में कई हिन्दू, सिख, ईसाई लड़कियों का जबरन धर्मांतरण किया जा रहा है और उनकी शदियां मुस्लिम व्यक्तियों से कर दी जा रही है।