पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने रविवार को भारत की विदेश मंत्री पर आरोप लगाया कि सुषमा स्वराज ने उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किये था। इस आरोप के बाद दोनों राष्ट्रों के मध्य ट्विटर जंग छिड गयी थी। पाकिस्तान में करतारपुर गलियारे के शिलान्यास समारोह 28 नवम्बर के एक दिन बाद विदेश मंत्री शाह महमूदकुरैशी ने बयान दिया कि इमरान खान के सिख श्रद्धालुओं के लिए सीमा खोलने से भारत असमंजस में पड़ गया है।
उन्होंने कहा था कि इमरान खान का करतारपुर गलियारे का निर्माण भारत पर गूगली थी। 1 दिसम्बर को भारत की विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री पर पलटवार करते हुए कहा कि भारत पाकिस्तान की किसी गूगली के जाल में नहीं फंसा था। उन्होंने कहा कि ‘श्रीमान विदेश मंत्री आपकी गूगली ने किसी और का नहीं बल्कि आपका नाटक को उजागर किया है’।
उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री सिखों की भावनाओं का सम्मान नहीं करते हैं, आप सिर्फ गूगली खेलते हैं। विदेश मंत्री स्वराज ने ट्वीट कर कहा कि भारत के दो सिख मंत्री करतारपुर गलियारे के समारोह में शरीक होने गए थे, इस पवित्र समारोह के साक्षी बने थे।
भारतीय विदेश मन्त्री के जवाब में पाकिस्तान के शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि उनके बयान को सिख समुदाय की भावनाओं से जोड़ना, जानबूझकर गलत तरीके से बयान को पेश करने और बहकाने का प्रयास था। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि इस बयान से मेरा सीधा मकसद भारत सरकार के साथ द्विपक्षीय सबंधों के साथ था। उन्होंने कहा कि हमारे मन में सिख समुदाय के लिए बहुत सम्मान है और ऐसे विवाद उन भावनाओं को परिवर्तित नहीं कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने करतारपुर गलियारे को खोलने का निर्णय सिख समुदाय के साथ जुड़ाव के कारण लिया था। उन्होंने कहा कि हमने इस ऐतिहासिक पहल का निर्णय अच्छी आस्था और इच्छा के साथ लिया था और इस आगे भी बढ़ाएंगे।
पाकिस्तान के मुताबिक भारत के मीडिया का एक हिस्सा उनके खिलाफ नकारात्मक अभियान चला रहा है, जो सिख श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर गलियारे को खोलने की पहल के खिलाफ है।