पाकिस्तान के साथ करतारपुर गलियारे की आगामी वार्ता की तरफ भारत देख रहा है और महत्वपूर्ण मामलो को उठाया था। इसमें ढांचा, श्रद्धालुओ की आवजाही और सुरक्षा शामिल है। दोनों देशों के अधिकारी करतारपुर गलियारे की अंतिम तौर तरीको और सम्बंधित तकनीकी मामलो पर चर्चा के लिए 14 जुलाई को मुलाकात करेंगे।
भारत-पाकिस्तान सीमा में पंजाब के गुरदासपुर से करतारपुर मार्ग तीन किलोमीटर दूरी पर स्थित है। वह करतारपुर में स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा दरबार साहिब में सीधे सिख श्रद्धालुओं को पंहुच की अनुमति देंगे। इस इलाके में साल 1539 में गुरु नानकदेव ने अकहिरी साँस ली थी।
सूत्रों ने बताया कि गलियारे के निर्माण कार्य के पूरा होने की सम्भावना 31 अक्टूबर तक है। यह गुरु नानक की 550 वीं सालगिरह से पहले पूरा हो जायेगा। गुरु नानक देव सिख धर्म के संस्थापक है। इस चर्चा के मुख्य बिन्दुओं में से एक भारत की पाकिस्तान से पुल का निर्माण का मांग है।
भारत ने डेरा बाबा नानक में संभावित बाढ़ पर अपनी चिंता को व्यक्त किया है क्योंकि पाकिस्तान की तरफ सड़क निर्माण किया जा रहा है। भारत अपनी तरफ पहले ही करतारपुर गलियारे की कनेक्टिविटी को जोड़ने के लिए पुल का निर्माण कर रहा है। वह श्रद्धालुओं को सुरक्षित आवाजाही मुहैया करेगा।
अन्य महत्वपूर्ण मामलो पर भी चर्चा की गयी थी, वह इस गलियारे के जरिये श्रद्धालुओं को पूरे साल गुरूद्वारे जाने की अनुमति देंगे। चाहे वह अकेले यात्रा करे या समूह में, या पैदान या वाहन में यात्रा करे। इस गलियारे के निर्माण के लिए भारत 500 करोड़ रूपए खर्च कर रहा है। इस धन को उच्च स्तर की सुरक्षा और निगरानी प्रणाली की स्थापना करने के लिए खर्च किया जायेगा।