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    india and pakistan's meeting

    भारत और पाकिस्तान ने रविवार को करतारपुर गलियारे पर अपने मतभेदों को कम किया है और कहा कि वे सिख श्रद्धालुओं की यात्रा के लिए अधिकतर तौर तरीको को अंतिम रूप देने के लिए सहमत है। दोनों देशों ने इस समझौते को अंतिम रूप देने के लिए एक अन्य बैठक के आयोजन पर भी सहमती जताई है।

    करतारपुर पर भारत-पाक बैठक

    भारतीय गृह मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी एससीएल दास ने मीडियाकर्मियों से कहा कि “14 मार्च 2019 को पहली मुलाकात से हम मतभेदों को कम करने में सफल हुए हैं। हमारी तकनीकी टीम कनेक्टिविटी के लिए आगले भी मुलाकात करेगी। जानकारी पर अभी कार्य किया जा रहा है।”

    दूसरी जॉइंट सेक्रेटरी स्तर की वार्ता में भारतीय प्रतिनिधि समूह की अध्यक्षता दास कर रहे थे। उन्होंने कहा कि “दोनों पक्ष संपर्क के एक चैनल को बरक़रार रखने के लिए सहमत हुए हैं और तौर तरीको के समझौते को अंतिम रूप देने के लिए कार्य करने को तैयार हुए हैं, अगर जरुरत पड़ी तो हमारे प्रतिनिधि भारत में अधिकारिक तौर पर समझौते को अंतिम रूप देने के लिए मुलाकात कर सकते हैं।”

    पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि “80 प्रतिशत समझौता तय हो चुका है। 80 प्रतिशत से अधिक पर दोनों पक्ष सहमत है और इसके लिए एक या कुछ मुलाकाते जरुरी है।” पंजाब के गुरदासपुर से भारत -पाकिस्तान सीमा महज तीन किलोमीटर दूर है।

    पाक से पुल के निर्माण का आग्रह

    मुलाकात के दौरान भारत ने डेरा बाबा नानक पर बाढ़ के प्रति चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा कि “हमने डेरा बाबा नानक और उससे सटे इलाको में संभावित बाढ़ पर चिंता प्रकट की थी। पाकिस्तान की तरफ एक पुल के निर्माण करने का प्रस्ताव दिया था।”

    दास ने कहा कि “भारत ने प्रतिदिन 5000 श्रद्धालुओं को यात्रा की अनुमति देने के आग्रह को दोहराया था और न्यूनतम 10000 अतिरिक्त श्रद्धालुओं को विशेष अवसरों के दौरान यात्रा की अनुमति मुहैया करनी चाहिए। श्रद्धालुओं की आस्था पर किसी प्रकार का प्रतिबन्ध नहीं होना चाहिए न सिर्फ भारतीय नागरिकों के लिए बल्कि भारतीय मूल के नागरिकों के पास ओआइसी कार्ड का इस्तेमाल कर उन्हें करतारपुर गलियारे की सुविधा का इस्तेमाल करने की अनुमति मिलनी चाहिए।”

    भारत ने आग्रह किया कि यह आवाजाही वीजा मूक होनी चाहिए और पाकिस्तान को किसी अनुमति प्रणाली पर शुल्क लेने के बाबत पुनर्विचार करना चाहिए। दास ने पाकिस्तान से कहा कि उन्हें सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति से गोपाल सिंह चावला को हटा देना चाहिए

    उन्होंने कहा कि “हमने पुष्टि की है कि गोपाल सिंह चावला जैसे लोगो को संस्था से हटा दिया गया है, जिस पर हमें आपत्ति थी।” इस्लामाबाद ने भारत को सुनिश्चित किया कि वह किसी भी भारत विरोधी गतिविधि को अनुमति नहीं देंगे।

    मुलाकात के बाद फैसल ने पत्रकारो से कहा कि “यह शान्ति का गलियारा है। हम मतभेदों को कम करना चाहते हैं।” पाकिस्तान ने अपनी तरफ संभावित बाढ़ से बचने के लिए भारत की पुल के निर्माण के मांग पर सहमति जाहिर की है।

    उन्होंने कहा कि “भारत ने अपनी तरफ निर्माणाधीन पुल के निर्माण की जानकारी को साझा किया है और पाकिस्तानी पक्ष से अपनी तरफ एक ब्रिज के निर्माण का आग्रह किया है। यह न सिर्फ बाढ़ से सम्बंधित चिंताओं के लिया फलदायी होगा बल्कि गुरुद्वारे तक भारतीय सिख श्रद्धालुओ के लिए सुरक्षित और सुगम यात्रा को सुनिश्चित करेगा।”

     

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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