पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख रशीद अहमद ने भड़काऊ बयान देते हुए कहा कि “सिख श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर में बनाये गए एक रेलवे स्टेशन का नाम खालिस्तान रखेंगे।” बीते वर्ष रेल मंत्री ने ऐलान किया था कि “पाकिस्तान सरकार सिख संगठनों को करतारपुर, नानक साहिब और नरोवाल पर होटल के निर्माण के लिए जमीन देगी और करतारपुर पर एक रेलवे स्टेशन का निर्माण करेगी।”
अहमद ने कहा कि “पाकिस्तान रेलवे ने हर किसी को करतारपुर अजर नानक साहिब में 10 एकड़ जमीन ऑफर की थी।” भारत और पाकिस्तान की करतारपुर गलियारे पर पहली बैठक से पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने खालिस्तानी समर्थक गोपाल सिंह चावला से मुलाकात की थी। खालिस्तानी समर्थक चावला भारत के खिलाफ जहर उगलता है और देश को विभाजित करने की बात कहता है।
पाकिस्तान की सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी का गोपाल सिंह चावला जनरल सेक्रेटरी है। बीते वर्ष भारतीय सिख श्रद्धालुओं को पाकिस्तान के गुरुद्वारे में खालिस्तानी समर्थक बैनर दिखाए गए थे और इसके साथ ही सिख श्रद्धालुओं को मिलने गए भारतीय राजदूतों को जबरन सच्चा सौदा गुरुद्वारा छोड़ने के लिए विवश कर दिया गया था। वह चावला ही था जिसने राजनयिकों को गुरूद्वारे से बाहर निकाला था।
भारत और पाकिस्तान के अधिकारी करतारपुर प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के लिए 14 मार्च को अट्टारी-वाघा बॉर्डर पर मिले थे। सूत्रों के मुताबिक “इस बैठक में विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, पंजाब सरकार, नेशनल हाईवे अथॉरिटी, रोड ट्रांसपोर्ट एंड बॉर्डर सिक्योरिटी इस बैठक में शरीक होंगे। भारतीय दल का नेतृत्व गृह मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी अनिल मलिक, अफगानिस्तान, ईरान और पीओके में भारत के जॉइंट सेक्रेटरी दीपक मित्तल करेंगे।”
पाकिस्तानी दल का प्रतिनिधित्व करने वाले मोहम्मद फैसल ने कहा कि “गलियारे से सम्बंधित मसलों पर चर्चा हुई थी। इसमें सड़क, निर्माण और अन्य तकनीकी सुविधाएं शामिल थी।” इस मुलाकात को उपलब्धि बताते हुए मोहम्मद फैसल ने कहा कि “कई सालों बाद भारत और पाकिस्तान ने संयुक्त बयान जारी किया था। ऐसा ही साल 2015 में हुआ था।”