पाकिस्तान ने करतारपुर गलियारे के लिए अपने क्षेत्र में एक ऊँचे तटबंध के निर्माण करने से इंकार कर दिया है जो भारतीय सरजमीं में स्थित पुल को जोड़ता। उन्होंने श्रद्धालुओं के लिए पक्की सड़क के निर्माण का प्रस्ताव दिया है। मानसून में रावी के जलस्तर में वृद्धि से यह ढांचा डूब जायेगा।
पिछली बैठक में पाकिस्तान ने भारतीय पुल को जोड़ने वाले एक तटबंध के निर्माण से इंकार कर दिया था। अलबत्ता पाकिस्तान ने एक पक्की सड़क के निर्माण का प्रस्ताव रखा है। भारतीय सूत्र ने कहा कि “तकनीकी तौर पर पुल के नजदीक सड़क का निर्माण गलत निर्णय है। रावी से उच्च स्तर के जल का बहाव होता है और सड़क निर्माण क्षेत्र इसमें डूब जायेगा और इस हालात में यह यात्रियों के लिए बंद कर दिया जायेगा।”
उन्होंने कहा कि “जब हमने इस चिंता को पाकिस्तानी प्रतिनिधि समूह के सामने उठाया तो उन्होंने इस पर विचार तक करने से इंकार कर दिया था।” यह प्रस्ताव सोमवार को जीरो पॉइंट पर हुई भारत और पाकिस्तान के अधिकारीयों की मुलाकात के दौरान रखा गया था। इस बैठक में डेरा बाबा नानक गुरूद्वारे के के तकनीक पहलुओं पर चर्चा की गयी थी।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों ने 5 किलोमीटर लम्बे करतारपुर गलियारे की सड़क के बारे में चर्चा की थी। पाकिस्तानी प्रतिनिधियों ने जमीनी स्तर पर एक पक्की सड़क के निर्माण का प्रस्ताव रखा था। भारत अपनी सरजमीं पर 100 मीटर लम्बे और 5.5 ऊँचे पुल का निर्माण कर रहा है।
भारतीय सूत्र ने कहा कि “हमारे विचार से पाकिस्तानी प्रस्ताव अत्याधिक रक्षात्मक है और यह करतारपुर गलियारे की भावना के खिलाफ है। वह भारत के श्रद्धालुओं को गुरूद्वारे तक सुगम पंहुच नहीं देना चाहते है। उन्हें जानकारी दी गयी कि रावी में जल स्तर के बढ़ने से पक्की सड़क पाने मे डूब जाएगी। पाकिस्तान की पक्की सड़क से जोड़ने के लिए हमें एक रैंप का निर्माण करना होगा।”