पाकिस्तान ने करतारपुर गलियारे से सिख श्रद्धालों की वीजा मुक्त यात्रा के लिए भारत के समक्ष कुछ शर्ते रखी है। पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने इस वीजा मुक्त यात्रा के लिए भारत को 14 सुझावों की सूची भेजी है। यह सुझाव श्रद्धालुओं को बिना वीजा के यात्रा की अनुमति देने के लिए है।
पाकिस्तान के प्रस्ताव के मुताबिक सीमा के दोनों तरफ चेक पोस्ट और सुविधा केन्द्रों को स्थापित रखे जाने की बात कही है। पाकिस्तान के अनुसार श्रद्धालुओं को कम से कम 15 लोगों के समूह बनाकर आने की इजाजत दी जाएगी और भारत इसके लिए एक विशेष अनुमति पत्र जारी करेगा। गलियारा सिर सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहेगा।
पाक के प्रस्ताव में कहा गया है कि दोनों देशों को श्रद्धालुओं की जानकार का रिकॉर्ड रखना होगा, जिसमे श्रद्धालु का नाम और उसकी अन्य जानकारियां होंगी। करतारपुर गलियारे में प्रवेश से तीन दिन पूर्व भारत को श्रद्धालुओं की जानकारी और सुरक्षा गारंटी सर्टिफिकेट पाकिस्तान के साथ साझा करना होगा।
इस ड्राफ्ट के मुताबिक पाकिस्तान इस वीजा मुक्त यात्रा के लिए प्रतिदिन 500 श्रद्धालुओं तक ही सीमित रखेगा। इस ड्राफ्ट के मुताबिक पाकिस्तान किसी के भी प्रवेश पर रोक लगा सकता है, यह पाकिस्तान का अधिकार होगा।
पाकिस्तान में स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में यात्रा के लिए सिख श्रद्धालुओं के लिए यह एक उपहार है। सिखों के पहले गुरु और सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष इसी स्थान पर व्यतीत किये थे। उनकी मृत्यु साल 1539 में हुई थी।
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने करतारपुर गलियारे की नींव 28 नवम्बर को रखी थी। इससे दो दिन पूर्व भारत में करतारपुर गलियारे का शिलान्यास समारोह हुआ था, जिसे उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने रखा था।