भारत ने पाकिस्तान को करतारपुर जमीन उन्हें सौंपने का प्रस्ताव दिया था, इसके बदले कोई और जमीं भारत पाकिस्तान को देने को तैयार था। इस प्रश्न पर पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मुहम्मद फैसल ने कहा कि “बिलकुल नहीं”, यह सिख अल्पसंख्यकों के आग्रह पर किया गया है, ताकि वह वीजा मुक्त इस पवित्र स्थल की यात्रा कर सके।
पंजाब सरकार का प्रस्ताव
उन्होंने कहा कि करतारपुर गलियारे को खोलने का निर्णय राज्य स्तर पर हुआ है और इसमें भारतीय सरकार भी पूर्ण रूपसे भागीदार है। भारत की पंजाब विधानसभा ने 14 नवम्बर को एक परस्तव पारित किया जिसमे भारत-पाक जमीन अदला बदली का प्रस्ताव था। सिख श्रद्धालुओं का पवित्र स्थल नाना साहिब गुरुद्वारा पाकिस्तान के नारोवल जिले में स्थित है।
अमरिंदर सिंह की सरकार ने इस प्रस्ताव को केंद्र के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्णय लिया, जिसमे पाकिस्तान के गुरुद्वारे की जमीन के बदले 10 हज़ार एकड़ जमीन देने का प्रस्ताव था। कांग्रेस के राज्य सभी का सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने भी प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर यही मांग की थी।
पहले भी हुई थी अदला-बदली
इस में उन्होंने साल 1962 में हुए लैंड स्वापिंग का उदहारण दिया था। उन्होंने कहा कि भारत ने राजगुरु, शहीद भगत सिंह और सुखदेव के दाह संस्कार वाली जमीन हुस्सैनिवाला को पाकिस्तान के साथ अदला-बदली की थी। बजवा ने कहा कि गलियार से उत्पन्न दोनों राष्ट्रों की सुरक्षा चिंताओं को भी यह प्रस्ताव खत्म देगा।
जिन्ना के घर पर भी हुआ था विवाद
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना के घर पर भारत के नियंत्रण को बर्दास्त नहीं करेंगे। प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि जिन्ना के घर को पाकिस्तानी राजदूत के निवास के लिए उन्हें सौंप दिया जाए।
भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि पाकिस्तान का जिन्ना के निवास स्थान पर कोई अधिकार नहीं है क्योंकि वह संपत्ति भारत से सम्बंधित है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि जिन्ना का पूर्व निवास स्थान अब भारत का अधीन है और इससे पाकिस्तान का कोई लेना देना नहीं है।