भारत और पाकिस्तान मंगलवार को करतारपुर गलियारे से सम्बंधित दूसरे चरण की वार्ता करेंगे। दोनों पक्षों के अधिकारी गलियारे के निर्माण से सम्बंधित तकनीकी पहलुओं पर चर्चा करेंगे। इसमें बाड़ लगाना, सड़क और नक़्शे शामिल है।
करतारपुर मसले पर बैठक
दुन्या न्यूज़ के मुताबिक, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के अधिकारी, धार्मिक मामलो के मंत्रालय और फ़ेडरल वर्क आर्गेनाईजेशन इस वार्ता में शामिल होंगे। स्थानीय मीडिया के अनुसार, पाकिस्तान ने गलियारे का 50 फीसदी निर्माण कार्य पूरा कर दिया है।
हाल ही में भारत ने दूसरे चरण की बैठक को स्थगित कर दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, गलियारे पर गठित पाकिस्तानी कमिटी में विवादित तत्वों को भी शामिल किया गया है। दूसरी मुलाकात 2 अप्रैल को दोनों देशों के बीच पाकिस्तान में नियोजित थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि “स्थगित होने के बावजूद, भारत ने अन्य पहलुओं पर चर्चा के लिए टेक्निकल मीटिंग का प्रस्ताव दिया था।”
पाक करतारपुर समिति में अलगाववादी तत्व
रवीश कुमार ने इससे पूर्व कहा था कि “गलियारे से सम्बंधित कई मसलो पर भारत को पाकिस्तान से कुछ स्पष्टीकरण चाहिए। इसमें प्रतिदिन दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या, वीजा जारी करने की प्रक्रिया आदि हैं। 14 मार्च को दोनों देशों के बीच पहली मुलाकात पंजाब में स्थित अट्टारी बॉर्डर पर हुई थी इस दौरान मसौदे को अंतिम रूप देने के बाबत दोनों देशों के बीच चर्चा हुई थी।
खबरों के मुताबिक पाकिस्तान की समिति में खालिस्तानी नेता मनिंदर सिंह तारा और गोपाल सिंह चावला जैसे लोगों को जगह दी गयी है। यह लोग हाफिज सईद के लश्कर ए तैयबा से काफी करीब है। इसके कारण गलियारे का इस्तेमाल भारत विरोधी मंशा के लिए किया जा सकता है।
खबरों के मुताबिक, बीती बैठक में भारत ने पाकिस्तान से रोजाना 5000 श्रद्धालुओं को गुरुद्वारे के दर्शन करने की अनुमति देने की मांग की थी, जबकि पाकिस्तान 500-700 श्रद्धालुओं को आने देने की बात पर अड़ा है।