पाकिस्तान के विदेश विभाग ने कहा कि करतारपुर गलियारे पर भारत के साथ 16 अप्रैल को आयोजित तकनीकी बैठक को हम मुलाकात करंगे। करतारपुर गलियारा भारत के पंजाब के गुरदासपुर जिले को पाकिस्तान के गुरुद्वारा दरबार सहिब तक जोड़ेगा।
पक्सितन के विदेश विभाग ने कहा कि “निर्माण कार्य में पाकिस्तान की अपनी भावनाओं के साथ जुड़ा हुआ है। हमने 16अप्रैल को आयोजित तकनीकी बैठक के भारत के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था। हमने भारत से सकारात्मकता की उम्मीद की थी ताकि गुरु नानक की 550 वीं वर्षगाँठ तक इस गलियारे को हकीकत में देखा जा सके।”
भारत और पाकिस्तान ने करतारपुर गलियारे पर बीते माह तकनीकी बैठक का आयोजन किया था इस दौरान गलियारे के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गयी थी। इस बैठक में इंजिनियर और सर्वेक्षक सहित कई जानकार मौजूद थे और इसी बैठक की बातचीत को आगे बढाने के लिए 14 मार्च को बैठक का आयोजन किया गया था।
इसके बाद पाकिस्तान ने 10 सदस्यीय पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी का गठन किया जो करतारपुर गलियारे के खुलने के बाद सिख श्रद्धालुओं को सुवोधएं मुहैया करेंगे। करतारपुर गलियारे की कमिटी में खालिस्तानी अलगाववादियों की उपस्थिति पर भारत ने चिंता व्यक्त की थी। भारत ने कहा कि वह इस्लामाबाद की प्रतिक्रिया का इंतज़ार करेगा और हम पूर्व में आयोजित 2 अप्रैल की बैठक के साथ आगे नहीं बढ़ पाएंगे।
भारत और पाकिस्तान ने बीते वर्ष नवम्बर में करतारपुर गलियारे के शिलान्यास समारोह का आयोजन किया था .गुरुद्वारा दरबार साहिब में सिख धर्म के संस्थापक गुनु नानक ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष यही व्यतीत किये थे। करतारपुर साहिब पाकिस्तान के नारोवल जिले के रावी नदी पर स्थित है।
26 नवम्बर को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंघ और उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने इसकी नींव राखी थी इसके दो दिन बाद ही इमरान ने करतारपुर गलियारे की नींव रखी थी। पुलवामा में हुए आत्नाकी हमले के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव काफी बढ़ गया था। इसमें भारत के 40 सीआरपीएफ के जवानो की मौत हो गयी थी इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी समर्थित जैश ए मोहम्मद समूह ने ली थी। इसकी प्रतिक्रिया में भारत ने बालाकोट में आतंकी समूहों के प्रशिक्षण संस्थानों पर हवाई हमला किया था।